RCEP: RCEP में शामिल होने के लिए भारत के पास एक साल का समय - india has one year time to join rcep - News Summed Up

RCEP: RCEP में शामिल होने के लिए भारत के पास एक साल का समय - india has one year time to join rcep


हाइलाइट्स दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड डील में शामिल होने के लिए भारत के पास अब एक वर्ष का समय हैभारत का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में ऐग्रीमेंट में शामिल नहीं होना सही फैसला हैचीन ने कहा कि भारत जब भी तैयार होगा उसके RCEP में शामिल होने का स्वागत किया जाएगादेशों के अगले वर्ष RCEP पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होगीभारत ने रीजनल कॉम्प्रिहेन्सिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) ऐग्रीमेंट में शामिल न होने का फैसला किया है। हालांकि आसियान देशों और उनके फ्री ट्रेड पार्टनर्स के बीच दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड डील में शामिल होने के लिए भारत के पास अब एक वर्ष का समय है। थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में RCEP समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की आशंकाओं और इच्छाओं की जानकारी दी।समिट के बाद एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री में सेक्रटरी विजय ठाकुर सिंह ने बताया, 'भारत ने RCEP में शामिल न होने का फैसला किया है। भारत ने RCEP को लेकर बातचीत में अच्छे विश्वास के साथ हिस्सा लिया था और हमारे हितों को ध्यान में रखते हुए कड़ा मोलभाव किया था। हमारा मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में ऐग्रीमेंट में शामिल नहीं होना सही फैसला है।'सिंह ने कहा, 'इससे वर्तमान वैश्विक स्थिति और ऐग्रीमेंट की निष्पक्षता और संतुलन के हमारे आकलन का पता चलता है।' पत्रकारों के यह पूछने कि क्या भारत कभी RCEP में शामिल होगा, सिंह का कहना था, 'भारत ने RCEP ऐग्रीमेंट में शामिल न होने के अपने फैसले की जानकारी दे दी है।'चीन के उप विदेश मंत्री ले युचेंग ने बैंकॉक में संवाददाताओं से कहा कि भारत जब भी तैयार होगा उसके RCEP में शामिल होने का स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया, '15 देशों ने पहले कदम बढ़ाने का फैसला किया है। इन देशों के अगले वर्ष RCEP पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होगी।'एक राजनयिक सूत्र ने ईटी को बताया, 'दोनों पक्षों को अपने संबंधित क्षेत्रों में यह बताने का मौका मिला है कि वे फायदे में रहे हैं। इनमें RCEP में शामिल होने वाले देश है और भारत जिसने यह दिखाया है कि वह अपने हितों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। इन 15 देशों को फायदा मिलेगा, लेकिन भारत के साथ मिलने वाले फायदे जितना नहीं होगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए RCEP डील बेहतर है।'एक एक्सपर्ट का कहना था कि एक वर्ष के अंदर भारतीय इकनॉमी बेहतर स्थिति में होगी और भारत RCEP में शामिल होने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार होगा। कुछ एशियाई देश चाहते थे कि RCEP में भारत शामिल हो क्योंकि ऐसा न होने पर इस डील में चीन का दबदबा होने की आशंका है।भारत इस ऐग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से चीन से सस्ते इम्पोर्ट के बढ़ने की आशंका को दूर करना चाहता था। इस वजह से उसने कुछ शर्तों पर आपत्ति जताई थी। RCEP समिट में किसी बड़ी घोषणा के लिए पिछले कुछ दिनों से मोलभाव किया जा रहा था। भारत इससे पहले आसियान देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में नुकसान उठा चुका है और इसके मद्देनजर वह RCEP को लेकर सतर्कता से कदम बढ़ा रहा है।स्टील जैसी इंडस्ट्रीज ने भी सरकार से RCEP डील होने के बाद इम्पोर्ट बढ़ने की आशंका जताई थी। स्टील इंडस्ट्री पिछले कुछ वर्षों से चीन से आने वाले सस्ते स्टील प्रॉडक्ट्स के कारण मुश्किलों का सामना कर रही है।


Source: Navbharat Times November 05, 2019 07:07 UTC



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