भास्कर न्यूज, पुणे। बंडू आंदेकर ने बुधवार को पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। भवानी पेठ क्षेत्रीय कार्यालय में यह प्रक्रिया पूरी की गई, जहां किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए कड़े पुलिस बंदोबस्त की व्यवस्था की गई थी।नामांकन प्रक्रिया के दौरान बंडू आंदेकर को पुलिस सुरक्षा में, हाथों में रस्सी बंधी अवस्था में कार्यालय लाया गया। इससे पहले सोनाली वनराज आंदेकर और लक्ष्मी उदयकांत आंदेकर ने भी अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।इस दौरान बंडू आंदेकर ने नारेबाजी करते हुए कहा, नेकी का काम आंदेकर का नाम, देखो-देखो मुझे लोकतंत्र में कैसे लाया गया है और आंदेकरों को वोट यानी विकास कार्यों को वोट। मीडिया के सामने से गुजरते वक्त उन्होंने कहा, मैं उम्मीदवार हूं, डकैत नहीं। आंदेकर ने दावा किया कि वह लोकतांत्रिक तरीके से जनता के समर्थन पर चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने वनराज आंदेकर जिंदाबाद के नारे भी लगाए।आयुष कोमकर प्रकरण की पृष्ठभूमि में भावनाएं भड़कींइस घटनाक्रम के बीच आयुष कोमकर की मां संजीवनी कोमकर की भावनात्मक अपील ने माहौल को और संवेदनशील बना दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में सभी राजनीतिक दलों से आंदेकर परिवार को टिकट न देने की कड़े शब्दों में अपील की। उन्होंने कहा, अगर हमें न्याय नहीं दे सकते, तो कम से कम अन्याय तो मत कीजिए। मेरे छोटे बच्चे का जीवन बर्बाद कर दिया गया है। सत्ता के बल पर उन्होंने अब तक सब कुछ किया है। कृपया उन्हें चुनाव का टिकट न दें।संजीवनी कोमकर ने यह भी कहा कि जिस राजनीतिक दल द्वारा आंदेकरों को टिकट दिया जाएगा, उसके कार्यालय के सामने जाकर वह आत्मदहन करेंगी। मुझे मेरे गोविंदा के लिए न्याय चाहिए, बस यही मेरी मांग है।राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्मपूरे घटनाक्रम के चलते पुणे का राजनीतिक और सामाजिक वातावरण गरमा गया है। आज की नामांकन प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी रहीं, वहीं आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी राजनीति में और तूल पकड़ने की संभावना जताई जा रही है।
Source: Dainik Bhaskar December 27, 2025 10:31 UTC