नई दिल्ली, एएनआइ। पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ एक ओर जहां पूरा देश एकजुट है वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सोशल मीडिया पर सीआरपीएफ (CRPF) के शहीद जवानों की फर्जी तस्वीरें वायरल कर रहे हैं। इस संबंध में सीआरपीएफ की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। सीआरपीएफ ने अपनी एडवाइजरी में कहा है, 'ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ शरारती तत्व नफरत फैलाने के लिए हमारे शहीदों के पार्थिव शरीर की फर्जी तस्वीरें फैला रहे हैं, जबकि हम एक साथ खड़े हैं। कृपया ऐसी तस्वीरें और पोस्ट को शेयर, लाइक या आगे न बढ़ाएं।सीआरपीएफ ने पुलवामा में शहीद जवानों की फर्जी तस्वीरों को शेयर नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट शेयर करता है तो लोग webpro@crpf.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में 61 बटालियनों के 65,000 जवानों को तैनात करने वाले अर्ध सैनिक बल ने एक और एडवाइजरी जारी की है। सीआरपीएफ ने कहा कि सोशल मीडिया पर देश के अलग-अलग हिस्सों में पढ़ाई करने वाले कश्मीरी छात्रों पर ज्यादती की फर्जी सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इनके बारे में जानकारी की गई और यह फर्जी निकलीं। एक ट्वीट में सीआरपीएफ ने कहा, 'यह घृणा फैलाने का प्रयास है। कृपया इसे प्रसारित न करें।'बता दें कि गुरुवार को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। 40 जवानों में से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से थे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक से थे। यह हमला उस वक्त किया गया जब सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू श्रीनगर हाईवे से गुजर रहा था। इस हमले में शहीद सभी जवान 17वीं, 54वीं और 92वीं वाहिनी के थे।हमले को पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया। उसने 320 किलो विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया था। काफिले में शामिल तीन अन्य वाहनों को भी भारी क्षति पहुंची। इस हमले के बाद से पूरे देश में गुस्से का माहौल है।Posted By: Mangal Yadav
Source: Dainik Jagran February 17, 2019 09:52 UTC