Pulwama Encounter Today: An Encounter Has Started Between Terrorists And Security Forces in Pinglan Area Of Pulwama District - News Summed Up

Pulwama Encounter Today: An Encounter Has Started Between Terrorists And Security Forces in Pinglan Area Of Pulwama District


पुलवामा एनकाउंटरजम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। आतंकियों की इस कायरता से पूरे देश में उबाल है। जगह-जगह लोग हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं कैंडल लाइट के जरिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। हमले में देश के अलग-अलग कोने से जवान शहीद हुए हैं इनमें से 12 उत्तर प्रदेश के हैं। आगे स्लाइड में जानिए, देश के लिए कुर्बान होने वाले जवानों के बारे में-विजय कुमार मौर्य भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के देवरिया जिले के छपिया जयदेव गांव के रहने वाले थे।पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पश्चिमी बउरिया निवासी बबूल संतरा भी इस हमले में शहीद हो गए।कॉन्स्टेबल महेश कुमार आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के प्रयागराज के तुड़िहरबादल का पुरवा गांव के रहने वाले थे।ओडिशा के जगतसिंह पुर जिले के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल पीके साहू भी इस हमले में शहीद हो गए।पुलवामा हमले में भागीरथ सिंह भी शहीद हो गए। राजस्थान के जिले ढोलपुर में जैतपुर के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल राम वकील आत्मघाती हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के मैनपुरी के गांव विनायकपुर के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह बिहार के पटना में रारगढ़ गांव के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल नारायण लाल गुर्जर भी इस हमले में शहीद हो गए। वह राजस्थान के राजसामंद के बिनोल के रहने वाले थे।उत्तर प्रदेश के कौशल कुमार रावत भी हमले में शहीद हो गए। वह आगरा के केहरई गांव के रहने वाले थे।यूपी के कानपुर देहात जिले के रायग्वान गांव के श्याम बाबू भी हमले में शहीद हो गए हैं।हमले में शहीद हुए प्रदीप सिंह यूपी के कन्नौज के तिर्वा के अजान गांव के रहने वाले थे।यूपी के उन्नाव के लोक नगर गांव के अजीत कुमार आजाद भी हमले में शहीद हो गए।महाराष्ट्र के बुल्ढाना जिले के लखनी प्लॉट गांव के निवासी हेड कॉन्स्टेबल संजय राजपूत भी शहीदों में शामिल हैं।असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मोहन लाल भी इस हमले में शहीद हो गए। वह उत्तराखंड के उत्तरकाशी के बानकोट गांव के रहने वाले थे।पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के हंसपुकुरिया गांव के रहने वाले सुदीप बिस्वास भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए।हेड कॉन्स्टेबल मनेश्वर बासुमतारी भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह असम के बासका जिले के कलबारी गांव के रहने वाले थे।तमिलनाडु के अरियालपुर जिले के करगुड़ी गांव के निवासी शिवचंद्रन सी भी पुलवामा हमले में शहीद हो गए।कुलविंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के आनंदपुर साहिब के रौली गांव के रहने वाले थे।यूपी के अमित कुमार भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह शामली जिले के रायपढ़ गांव के रहने वाले थे।पुलवामा हमले में जीत राम भी शहीद हो गए। वह राजस्थान के भरतपुर जिले के सुंदरवाली के रहने वाले थे।गुरु एच पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह कर्नाटक के मांड्या जिले के गुड़िगेरे गांव के रहने वाले थे।सुब्रमण्यम जी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले के सबलापेरी गांव के रहने वाले थे।वसंत कुमार वीवी भी इस हमले में शहीद हो गए। वह केरल के वायानाड जिले के रहने वाले थे।पुलवामा हमला: सीआरपीएफ ने शहीदों की नकली तस्वीरें शेयर न करने की सलाह दीXजम्मू कश्मीर के पुलवामा में देश ने 4 और सैनिकों को खो दिया है। सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत के बाद सुरक्षाबल पुलवामा में आतंकियों के सफाए के लिए जबर्दस्त ऑपरेशन छेड़े हुए हैं। पुलवामा के पिंगलिना में खबर मिलने पर सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को घेरा। देर रात से सोमवार तड़के तक चली मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए। मुठभेड़ के दौरान एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के दो से तीन आतंकवादी वहां छिपे हुए हैं जिनमें उसका एक कमांडर भी है।जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों को पुलवामा के पिंगलिना इलाके में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। 55 राष्ट्रीय राइफल्स ने इसके बाद ऑपरेशन शुरू कर दिया। देर रात करीब 12 बजे से सुरक्षाबलों और आतंकियों में मुठभेड़ शुरू हुई, जो सुबह तक चलती रही। इसमें मेजर समेत चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में चारों जवानों ने दम तोड़ दिया। शहीदों में मेजर डीएस डॉन्डियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह थे। वहीं सिपाही गुलजार अहमद घायल हो गए हैं। सभी शहीद जवान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के थे। एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हुई। इस बीच सिक्यॉरिटी फोर्सेज ने आसपास के इलाके को हर तरफ से घेर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलवामा में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।बता दें कि इससे पहले 14 फरवरी यानी गुरुवार को पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर देश में आक्रोश है। इस हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए थे। शहादत से देशभर में पैदा हुए आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक , शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इन 6 नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा।ऑर्डर के मुताबिक रविवार शाम से ही अलगाववादियों को मिली सभी सुरक्षा और गाड़ियों को हटा लिया गया। किसी भी प्रकार से इन छह या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई कवर या सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे। अगर उन्हें सरकार के द्वारा कोई दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं तो वे भी तत्काल हटा ली जाएंगी।


Source: Navbharat Times February 17, 2019 23:12 UTC



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