People are roaming in the terrace, balcony, people living abroad are more interested in virtual mode because the family is connecting - News Summed Up

People are roaming in the terrace, balcony, people living abroad are more interested in virtual mode because the family is connecting


Hindi NewsNationalPeople Are Roaming In The Terrace, Balcony, People Living Abroad Are More Interested In Virtual Mode Because The Family Is Connectingगरबे की जन्मस्थली गुजरात में इस बार घर-घर गरबा: लोग छत, बालकनी में जुट रहे, वर्चुअल मोड से विदेश में बसे लोग ज्यादा रुचि ले रहे क्योंकि परिवार जुड़ रहे9 घंटे पहलेकॉपी लिंकअहमदाबाद में घर में खेला जा रहा गरबा।ऑनलाइन एप पर वर्चुअल गरबे का आयोजन हो रहा, गायकों के प्री-रिकाॅर्डेड व लाइव शो हो रहे(ध्रुवी शाह/मनीषा भल्ला) गुजरात में लाेग इस बार ‘वर्चुअल गरबे’ के आनंद में सराबाेर हैं। उत्साह में भी कमी नहीं। फर्क सिर्फ इतना है कि बड़े पार्टी प्लॉट की बजाए लोग घर, छत यहां तक कि बालकनी में भी गरबे की धुन पर थिरक रहे हैं। बड़े कलाकार भी इस बार स्टेज के बजाए वर्चुअल स्क्रीन पर नजर आ रहे हैं।फिर चाहे वह मुंबई की गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक हो, प्रीति-पिंकी या फिर दिवांग पटेल। वर्चुअल गरबा के लिए गायकों के प्री-रिकॉर्डेड और लाइव शो हो रहे हैं। कई ऑनलाइन एप पर वर्चुअल गरबे का आयोजन हो रहा है।यही वजह है कि इस बार विदेशों में बसे भारतीय भी अपनी माटी से जुड़ा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वहां भी बड़े आयोजन पर पाबंदी लगी हुई है।खासकर न्यूयाॅर्क सिटी और मैनचेस्टर में बसे गुजराती ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, क्योंकि वे सीधे अपने परिवार से जुड़ने लगे हैं। सिंगर प्रीती दवे बताती हैं ‘माता रानी का त्योहार है और महामारी का खतरा। ऐसे में फैंस भी वर्चुअल तरीके से जुड़ रहे हैं।’इस बार परिवार के बुजुर्ग सबसे ज्यादा खुश हैं। कारण- बड़े आयोजनों के चलते परिवार के साथ गरबा खेलने का प्रचलन जो कम हो रहा था, वह फिर एक बार घरों में जिंदा हो गया है। गुजरात में गरबे का हर साल 10 हजार करोड़ का कारोबार होता है।यही वजह है कि इस बार ऑनलाइन आयोजकों ने 24 घंटे कस्टमर केयर सर्विस देने की व्यवस्था की है ताकि आनंद में कोई खलल न पड़े। डीजे सौरिन ने बताया कि आयोजन के पहले ही दिन 24 घंटे में 9000 लोग जुड़ गए। अहमदाबाद में गरबे के आयोजन से जुड़े 300 से अधिक महिलाओं के ग्रुप हैं।इनमें से 10% बड़े-बड़े स्टूडियो, सोसायटी, टैरेस या बड़े बंगलों में गरबे का आनंद ले रहे हैं। ऐसे आयोजनों का आनंद लेने के लिए लोग 300 से 400 रुपए का भुगतान भी कर रहे हैं। स्टूडियो में सिर्फ सीमित लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।वहीं, वर्चुअल गरबा में सिर्फ ग्रुप मेंबर की महिलाओं को ही जुड़ने की इजाजत दी जा रही है। ‘अडुकियो-दडुकियो’ की फाउंडर अदितीबेन ने कहा- ‘हमने नौ दिन के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपए रखी है। एक ही दिन में हमें 6000 व्यू मिले।’ ये आयोजक वर्चुअल स्पर्धा भी करा रहे हैं। इसमें बेस्ट ड्रेसर, बेस्ट स्टैप और बेस्ट ग्रुप आदि श्रेणी में इनाम दिए जा रहे हैं।मेडागास्कर में गरबे की धूम, यहां एक भी भारतीय संक्रमित नहींमेडागास्कर में भारत के राजदूत अभय कुमार ने बताया कि यहां गुजराती समुदाय के बीच गरबे की धूम मची है। यहां 15 हजार गुजराती रहते हैं। ढाई हजार भारतीय पासपोर्ट होल्डर हैं। यहां देवी मां के 3 मंदिर हैं। राजधानी आंताननारिवो में हाल में एक और मंदिर बना है, जहां गरबे का भव्य स्तर पर आयोजन किया गया है।


Source: Dainik Bhaskar October 20, 2020 00:56 UTC



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