भारतमाला प्रोजेक्ट के राजस्थान-गुजरात में बन रहे 400 किलोमीटर हिस्से से भास्कर की लाइव रिपोर्टलद्दाख के दौलतबेग ओल्डी एयरबेस के बाद राजस्थान-गुजरात में अंतरराष्ट्रीय सीमा के इतने नजदीक फाइटर जेट्स के लिए दूसरी एयर स्ट्रिप तैयारप्रोजेक्ट का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका, राजस्थान समय से पहले ही भारतमाला में पिरो देगा अपने हिस्से के मोतीDainik Bhaskar Jan 02, 2020, 09:05 AM ISTराजस्थान-गुजरात बॉर्डर से भंवर जांगिड़. नए साल में पश्चिमी राजस्थान की तस्वीर बदलने वाली है। भारत-पाकिस्तान की सीमा पर हमारी सामरिक ताकत तो मजबूत हो ही रही है, 400 किमी के दायरे में बसे हजारों गांव भी मुख्य धारा से जुड़ने वाले हैं। क्योंकि देश को जोड़ने वाली भारतमाला सड़क परियोजना के पहले फेज का काम राजस्थान व गुजरात से आरंभ हुआ था और हमारे यहां लगभग 70 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है। इस साल जून व सितंबर तक राजस्थान अपने सभी मोती इस माला में पिरो चुका होगा। सबसे पहले और सबसे तेज। अब केवल कुछ पुलों का काम बचा हुआ है जिसके स्ट्रक्चर नए साल की पहली किरणों का बांहें फैला कर स्वागत कर रहे हैं, वैसे ही सूरज भी उसका अभिनंदन स्वीकार कर रहा है। परियोजना के दो चरणों की जमीनी हकीकत देखने भास्कर ने गुजरात के रण क्षेत्र से जुड़े बाखासर से जैसलमेर के म्याजलार तक 400 किलोमीटर का सफर किया और उसके फोटो सबसे पहले दिखा रहा है।बाखासर से गागरिया-साता से गांधव-बाखासर से गागरिया व साता से गांधव खंड में 196 किमी का हाईवे बन रहा है। इसे मुंबई की जीएचवी इंडिया कंपनी बना रही है और सरकार ने इसके लिए 1134 करोड़ का बजट दिया है। यह कांट्रेक्ट ईपीसी मोड पर है, यानी पूरा पैसा सरकार ही देगी। हाईवे की गारंटी 5 साल की होगी।इस रूट पर बाखासर से गागरिया तक का हाईवे बन चुका है, सेड़वा में ओवरब्रिज का काम चल रहा है। धनाऊ और कुंदनगढ़ में कस्बे के बीच का हाईवे चौड़ा करने का काम अंतिम चरण में है। इस खंड में 9 वीयूपी और 9 छोटे पुल का काम हो चुका है।गागरिया से मुनाबाव-सुंदरा से म्याजलार-मुनाबाव से तनोट तक 274 किमी का 2 लेन हाईवे तैयार हो चुका है। बाखासर खंड गागरिया में मुनाबाव खंड से जुड़ेगा, इसलिए यहां रेलवे ओवरब्रिज का काम तेजी से चल रहा है। गागरिया से मुनाबाव तक की रोड पीडब्ल्यूडी बनाएगी, उसकी डीपीआर हो चुकी है।मुनाबाव बॉर्डर पर बीएसएफ की चौकी के पास भारतमाला का हाईवे दो तरफा 2लेन के रूप में बनाया गया है। मुनाबाव का बाड़मेर व जैसलमेर से लगते बॉर्डर का सेंटर पाइंट है। आपात स्थिति मेंसेना का जमावड़ा हो सकेगा और यही से कुछ ही समय में बाखासर से तनोट तक मूवमेंट किया जा सकेगा।यह खंड पर 1438 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें 40 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देगी और 60 फीसदी हिस्सा डीआर अग्रवाल कंपनी का है। हाईवे की गारंटी 15 साल तक रहेगी। इसमें 10वीयूपी और 1 फ्लाई ओवर है। गांवों में 12 किमी तक 4 लेन रोड बनाई गई है।सिर्फ डीएनपी की 36 किमी रोड बची हैएनएचएआई के मैनेजर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि मुनाबाव-तनोट खंड का काम 1 जनवरी 19 को आरंभ किया था और उसे 21 जून 20 तक पूरा करना था। हम इसे एक दिन पहले 20 जून को ही पूरा कर देंगे। उधर बाखासर-गागरिया का काम सितंबर 18 में आरंभ हुआ था जिसे सितंबर 20 तक पूरा करना है। यहां भी 70 फीसदी तक काम पूरा हो गया है। सुंदरा से म्याजलार तक 36 किमी का हाईवे डेजर्ट नेशनल पार्क(डीएनपी) में आ रहा है, वहां फोरेस्ट मिनिस्ट्री से एनओसी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।लद्दाख में एयरस्ट्रिप चीनी बॉर्डर से 8 किमी. दूर, यहां पाक सीमा से 10 किमी. दूर उतरेंगे विमानसेड़वा गांव पाक बॉर्डर से महज 10 किमी दूर है। यहीं से भारतमाला प्रोजेक्ट का एक खंड साता से गांधव की ओर बन रहा है। बीच में 30 मीटर चौड़ी व 3 किमी लंबी एयरस्ट्रिप का काम लगभग पूरा है। यहीं पर 3 हैलीपेड बनेंगे। जरूरत के वक्त फाइटर एयरक्राफ्ट उतारे जा सकेंगे। बॉर्डर के इतने नजदीक एयरस्ट्रिप इसके अलावा सिर्फ लद्दाख में है। यहां दौलत बेग ओल्डी एयर स्ट्रिप चीनी बॉर्डर से सिर्फ 8 किमी. की दूरी पर है।
Source: Dainik Bhaskar January 01, 2020 21:11 UTC