OPINION : पलटूराम से चाचा हो गए नीतीश, ब्रेकअप से पहले सिग्नल का हो रहा इंतजारनई दिल्ली: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सिपहसालार ललन सिंह ने कन्फर्म किया है कि नौ अगस्त को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) विधायक दल की बैठक होगी। पहले ये बैठक आज होनी थी। आज ही तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक दल की बैठक बुलाई थी लेकिन पार्टी ने इसे कैंसिल कर दिया है। तेजस्वी शिद्दत से इंतज़ार कर रहे हैं। उनकी पार्टी छाती खोल कर चाचा नीतीश कुमार का स्वागत करने के लिए तैयार है। ये बोल शिवानंद तिवारी के हैं।चिराग मॉडल के जरिए ऑपरेशन लोटस और आरसीपी को मंत्री बनाने पर जेडीयू अपनी सहयोगी भाजपा पर लगातार हमलावर है। उधर बिहार भाजपा खुद पिंड छुड़ाना चाहती है। टेनिस मैच ब्रेक पॉइंट पर रुका हुआ है। टटोलने पर पता चल रहा है कि नीतीश कुमार को दिल्ली से किसी सिग्नल का इंतजार है। कहीं गठबंधन बच जाए। अब बड़ा भाई कब तक छोटे भाई की 50-50 की शर्त को ढोता रहेगा।फिर भी बिहार की 40 लोकसभा सीटें मिशन 2024 के लिए अहम है। इस पर बिहार भाजपा का मानना है कि पार्टी अकेले लड़ सकती है क्योंकि 2014 में अकेले भी 22 सीटें हासिल कर ली थी। तो दिलचस्प सियासी हलचल में तनाव एनडीए के भीतर भी है और इसके सहयोगियों के भीतर भी। जेडीयू के भीतर भी कई विधायक आरजेडी के साथ जाने के खिलाफ हैं। इधर भाजपा के भीतर एक धड़ा नीतीश के साथ रहना चाहता है। अश्विनी चौबे ने तभी कहा कि बिहार एनडीए को बचाने के लिए भाजपा कोई भी कुर्बानी दे सकती है। पर बिहार बीजेपी के अधिकतर नेता इसके खिलाफ हैं। उधर नीतीश कुमार 2020 से ही चोट खाए नेता की तरह सरकार चला रहे हैं। इसलिए सिग्नल अश्विनी चौबे जैसा नहीं मिला तो कभी भी सियासी ब्रेकअप का ऐलान संभव है।
Source: Navbharat Times August 08, 2022 22:12 UTC