1 /6 सनातन धर्म में विशेष है निर्जला एकादशीसनातन धर्म में 24 एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है। तब 24 एकादशियों में दो एकादशी और भी जुड़ जाती हैं। इस तरह कुल 26 एकादशी हो जाती हैं। यू तो सभी एकादशी महत्वपूर्ण होती हैं। लेकिन निर्जला एकादशी का विशेष स्थान है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सभी 24 एकादशियों का फल मिल जाता है। यह ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस एकादशी में पानी पीना पूर्णतया वर्जित है। यही वजह है कि इसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक शास्त्रों में इसे भीमसेन एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस बार यह एकादशी 2 जून मंगलवार को है। आइए जानते हैं क्यों कहते हैं इसे भीमसेन एकादशी और क्या है व्रत की विधि, शुभ मुहूर्त-महत्व?
Source: Navbharat Times June 01, 2020 06:22 UTC