New Year 2020: साल के पहले दिन दुनियाभर में पैदा हुए 392078 बच्चे, भारत सबसे आगे - News Summed Up

New Year 2020: साल के पहले दिन दुनियाभर में पैदा हुए 392078 बच्चे, भारत सबसे आगे


New Year 2020: साल के पहले दिन दुनियाभर में पैदा हुए 392078 बच्चे, भारत सबसे आगेनई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत में नए साल के दिन यानि एक जनवरी को 67385 बच्चे पैदा हुए, जो एक रिकॉर्ड है। किसी भी अन्‍य देश में 1 जनवरी को इतने बच्‍चे पैदा नहीं हुए। दूसरे नंबर पर इस लिस्‍ट में चीन रहा। बता दें कि साल 2020 में पहले बच्चे ने पैसिफिक क्षेत्र में फिजी में जन्म लिया। वहीं, एक जनवरी को दुनियाभर में जितने बच्चे पैदा हुए उनमें से 17 फीसदी बच्चे भारत में जन्‍मे हैं।यूनिसेफ से साल के पहले दिन जन्म लेने वाले बच्चों के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी 2020 को 3,92,078 बच्चे पैदा हुए। इनमें से सबसे ज्यादा 67385 बच्चे भारत में पैदा हुए। इस लिस्‍ट में दूसरे नंबर पर चीन रहा। इसके बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, अमेरिका, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और इथियोपिया है। बताया जाता है कि दुनियाभर में पैदा होने वाले कुल बच्चों का लगभग 50 फीसद इन्हीं आठ देशों में है।फिजी में पहले बच्‍चे का जन्‍मसाल 2020 में पहले बच्चे ने पैसिफिक क्षेत्र में फिजी में जन्म लिया। वहीं, पहले दिन पैदा होने वाला आखिरी बच्चा अमेरिका में होगा। यूनीसेफ दुनियाभर में पैदा होने वाले बच्चों को लेकर तथ्य सामने रखे हैं। इन तथ्‍यों में एक दुखद आंकड़ा यह भी है कि 2018 में 25 लाख नवजात शिशुओं ने जन्म के पहले महीने में ही अपनी जान गवां दी थी। इनमें से करीब एक तिहाई शिशुओं की मौत पैदा होने वाले दिन ही हो गई थी।एक जनवरी को पैदा हुई हस्तियांसाल के पहले दिन पैदा हुए बच्चे अपनी जन्मतिथि इसी दिन पैदा हुई विश्व की महान हस्तियों से जोड़कर देखते हैं।सत्येंद्र नाथ बोसमहान भौतिक शास्त्री का जन्म एक जनवरी, 1894 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ। भौतिकशास्त्र के कई सिद्धांतों के अलावा मुख्य रूप से उन्हें क्वांटम मेकैनिक्स के लिए जाना जाता है। नोबेल के लिए भी नामित हुए।विद्या बालनमशहूर अभिनेत्री का जन्म भी एक जनवरी, 1979 को बांबे (मुंबई) में हुआ। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के साथ छह फिल्मफेयर मिल चुका है। 2014 में पद्मश्री से सुशोभित हो चुकी हैं। समाज विज्ञान से परास्नातक बालन ने 1995 में हम पांच से अभिनय की शुरुआत की। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।उल्लेखनीय सुधारपिछले तीन दशक के दौरान दुनिया ने बच्चों की उनके पांचवें जन्मदिन से पहले मौतों को टालने में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। ये आंकड़ा पचास फीसद से अधिक है। हालांकि नवजातों के मामले में ये अभी तक चिंताजनक है। 2018 में पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों की मौतों में जन्म के पहले महीने के भीतर मरने वाले बच्चों की हिस्सेदारी 47 फीसद रही। 1990 में यह हिस्सेदारी 40 फीसद थी।Posted By: Tilak Rajडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran January 02, 2020 02:25 UTC



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