Medical Courses Without NEET: नीट के बिना भी कर सकते हैं मेडिकल की पढ़ाई, 12वीं के बाद ये हैं ऑप्शंस - News Summed Up

Medical Courses Without NEET: नीट के बिना भी कर सकते हैं मेडिकल की पढ़ाई, 12वीं के बाद ये हैं ऑप्शंस


बैचलर इन फार्मेसी (B.Pharmacy) इसे आमतौर पर बीफार्मा (BPharma) भी कहा जाता है। इसमें दवाओं की पढ़ाई कराई जाती है। दवाएं बनाने की तकनीक सिखाई जाती है। भारत समेत कई देशों में फार्मासिस्ट (Pharmacist) बनने के लिए यह डिग्री जरूरी है। इसके जरिये आप फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री, हर्बल इंडस्ट्री, कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री या क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में लाजवाब करियर बना सकते हैं। इसके अलावा सरकारी विभागों में भी प्रोडक्शन, क्वालिटी कंट्रोल, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, आदि के लिए नौकरियां निकलती हैं। कई यूनिवर्सिटीज, इंस्टीट्यूट्स अलग एंट्रेंस एग्जाम्स के जरिए इस कोर्स में एडमिशन देते हैं। नीट कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) भी फार्मेसी के लिए नेशनल लेवल एंट्रेंस एग्जाम कराती है।बीटेक इन बायोमेडिकल (BTech Biomedical) बीटेक इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (Biomedical Engineering)। यह चार साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। साइंस से 12वीं का कोई अन्य समतुल्य डिग्री प्राप्त करने के बाद इसमें एडमिशन ले सकते हैं। इसके बाद आपके लिए बतौर बायोमेडिकल टेक्नीशियन, बायोमेडिकल इंजीनियर और बायोकेमिस्ट के तौर पर काम करने का रास्ता खुलता है।बीएससी न्यूट्रिशन (BSc Nutrition) यह तीन साल का यूजी कोर्स है जिसमें आपको डायट और न्यूट्रिशनल वैल्यू के विज्ञान व सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है। न्यूट्रिशन एंड डायटिक्स (Nutrition and Dietetics) में बीएससी करने के बाद आप अस्पतालों, हेल्थ क्लीनिक्स, हेल्थ सेंटर्स या मल्टीनेशनल कंपनियों में बतौर डायटीशियन या न्यूट्रीशनिस्ट काम कर सकते हैं। सैलरी भी अच्छी मिलती है।बीए साइकोलॉजी (BA Psychology) हेल्थ केयर में जाने के लिए अन्य मेडिकल कोर्सेज़ की तरह इसके लिए 12वीं में साइंस की अनिवार्यता नहीं है। आर्ट्स या कॉमर्स के स्टूडेंट्स भी साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन कर सकते हैं। इसके बाद आप हेल्थ या मेंटल केयर काउंसलर, कंसल्टेंट के तौर पर काम कर सकते हैं। या फिर क्रिमिनल जस्टिस या सोशल वर्क के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।बीएससी फीजियोथेरेपी (BSc Physiotherapy) यह तीन साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। इसे पूरा करने के बाद आपके पास बतौर लेक्चरर, फीजियोथेरेपिस्ट, रिसर्चर, रिसर्च असिस्टेंट, स्पोर्ट्स फीजियो रिहैबिलिटेटर, थेरेपी मैनेजर समेत कई क्षेत्रों में काम करने का मौका मिलता है। आप किसी अस्पताल के साथ जुड़कर या निजी क्लीनिक में भी काम कर सकते हैं।


Source: Navbharat Times May 05, 2021 03:21 UTC



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