नई दिल्ली, एजेंसी। चेन्नई सुपरकिंग्स (csk) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले चुप्पी तोड़ दी है। छह साल पहले हुए इस प्रकरण को लेकर उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वह इसके बाद से डिप्रेस्ड हो गए थे। इस मामले को लेकर उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम पर दो साल का बैन लगा दिया गया था।धौनी ने यह बात csk के पिछले सीजन धमाकेदार वापसी पर बनी वेब सीरीज 'रोर ऑफ द लॉयन' में कही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह उनके क्रिकेट करियर का सबसे खराब दौर था। इससे पहले वह अपने जीवन में कभी भी इतना डिप्रेस्ड नहीं हुए थे। 2007 में एकदिवसीय विश्व कप में भारतीय टीम खराब प्रदर्शन के कारण हारी थी, लेकिन 2013 स्पॉट फिक्सिंग का मामला एकदम अलग था।उन्होंने आगे कहा कि निजी तौर पर उनके लिए मैच फिक्सिंग से बड़ा कोई अपराध नहीं है। धौनी ने कहा उनके लिए हत्या से भी बड़ा अपराध मैच फिक्सिंग है। वह इसमें कभी शामिल नहीं हो सकते, क्योंकि खेल से बड़ा कुछ भी नहीं है और वो आज जो कुछ भी हैं इस खेल की बदौलत ही हैं।उन्होंने कहा , 'फिक्सिंग से जुड़ी बातों में मेरा नाम भी उछला। मीडिया और सोशल मीडिया में ऐसे दिखाया जाने लगा मानो मैं भी इसमें शामिल हूं। क्या यह संभव है? हां, स्पॉट फिक्सिंग अंपायर, बल्लेबाज, गेंदबाज कोई भी कर सकता है, लेकिन मैच फिक्सिंग में खिलाड़ी शामिल होते हैं। मैं इस बारे में किसी से बात नहीं करना चाहता था, लेकिन यह मुझे अंदर से कुरेद रहा था। मैं नहीं चाहता कि किसी भी चीज का असर मेरे खेल पर पड़े। मेरे लिये क्रिकेट सबसे अहम है।'बता दें कि साल 2015 में चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर स्पॉट फिक्सिंग को लेकर दो साल का बैन लगा दिया गया था। इस दौरान टीमों के अधिकारियों गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को सट्टेबाजी गतिविधियों में लिप्त पाया गया था।Posted By: Tanisk
Source: Dainik Jagran March 21, 2019 16:18 UTC