रीवा। जिला कलेक्टर जहां दो अधिकारियों के मृत्यु उपरांत विभागीय जांच कराने में लगी हुई है। वहीं पुलिस भी अब इसमें पीछे नहीं नहीं रही। पुलिस आरक्षक को मरने के छह महीनें बाद पदोन्नति मिली है। इतना हीं नहीं उसका स्थानांतरण भी अब सिंगरौली से रीवा के लिए किया गया है।अब मामला सामने आने के बाद अधिकारियों व दोषी कर्मचारियों को जबाव देते नहीं बन रहा है। इस तरह पदोन्न्ति जैसे मामले में इस तरह की लापरवाही प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी चूक की ओर इशारा करते है।सूत्रों के मुताबिक सिंगरौली जिले में पदस्थ आरक्षक सुल्तान खान की मृत्यु छह महीने पहले हो चुकी है। इसके बावजूद हाल ही में जारी हुई आरक्षकों की पदोन्नति सूची में उनका नाम शामिल है। यहां तक पदोन्नति उपरांत उनका स्थानांतरण भी सिंगरौली से रीवा के लिए कर दिया।इसका खुलासा तब हुआ जब आरक्षक पदोन्नति सूची उपरांत आमद देने रीवा नहीं पहुंचा। इस संबंध में जब विभाग से जानकारी जुटाई तो पता चला की उनकी छह महीने पहले ही मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में अब पुलिस के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है। बताया जा रहा है आरक्षक की पदौन्नति का आदेश पुलिस अधीक्षक की अनुंशसा पर उप महानिरीक्षक के द्वारा किया जाता है।ऐसे में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मृत आरक्षक का नाम पदोन्नति सूची में शामिल करके भेज दिया गया है। वहीं एसपी की अनुशंसा में डीआईजी कार्यालय से भी पदोन्नति आदेश जारी हो गया है। बताया जा हरा है कि अब इस गड़बड़ी में शामिल कर्मचारियों की कार्रवाई भी जल्द हो सकती है।
Source: Dainik Bhaskar January 07, 2024 05:36 UTC