मध्यप्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके लिए हलचल शुरू हो गई है, लेकिन कयास लगाने वाले चेहरों पर मोहर नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 6 दिसंबर से पहले अगले सीएम पर निर्णय हो जाएगा। फिलहाल मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित चेहरे इस दौड़ में बताए जा रहे है।हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के जमाने में यह कहना मुश्किल रहता है कि मुख्यमंत्री कौन बन सकता है, क्योंकि उनके द्वारा अक्सर चौंकाने वाले चेहरे इस पद पर बैठते रहे हैं दूसरे राज्यों को लेकर उनके निर्णय इस बात का प्रमाण है। फिलहाल अगले सीएम की कुर्सी के लिए जिन नेताओं पर किन्तु परंतु से लेकर कयासबाजी हो रही है, उनमें सबसे प्रबल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम है।मध्यप्रदेश में दो तिहाई बहुमत मिलने के बाद सरकार की कमान कौन संभालेगा, इसके लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक चर्चाएं होने लगी हैं। संगठन स्तर पर मंथन की भी शुरुआत हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी पर्यवेक्षक नियुक्त कर उन्हें भोपाल भेजेगा, जो विधायकों से फीडबैक लेकर अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को देगा, इसके बाद ही अगले सीएम के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 5 नेताओं ने नाम लिए जा रहे हैं।केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी ओबीसी से आते है, ऐसे में यदि ओबीसी सीएम पर निर्णय होता है और तो प्रहलाद पटेल को एमपी सीएम की कुर्सी के प्रबल दावेदार हो सकते है इनके अलावा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम भी चर्चाओं में है। कहा जा रहा है कि यदि सीएम की कुर्सी पर किसी सामान्य वर्ग के नेता को बैठाया जाता है, तो तोमर सबसे पहली पसंद बन सकते है लेकिन जिस तरह से चुनाव प्रचार के दौरान उनकी घेराबंदी हुई है, उससे उन्हें नुकसान हो सकता है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के विश्वसयीन होने का फायदा उन्हें इस पद के प्रवल दावेदारों की सूची में बनाए हुए है।जानकार मान रहे हैं कि सूबे के चुनाव में जो परिणाम आए हैं, उनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के साथ-साथ ओबीसी वर्ग से आने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना का भी व्यापक असर रहा है। सीएम ने जिस तरह से प्रदेश भर में रात दिन जुटकर पार्टी के पक्ष में वातावरण निर्मित कराया, उससे उन्हें नजरादांज नहीं किया जा सका, भले ही लोकसभा चुनाव के बाद नेतृत्व परिवर्तन करना पड़े। शीर्ष नेतृत्व यहां से ऐसे चेहरे पर दांव लगा सकती है, जिससे पार्टी को लंबे समय तक लाभ मिलता रहे।शाह - नड्डा से मिले प्रहलादराज्य के सीएम पद के प्रबल दावेदारों में से एक केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात की माना जा रहा है कि पटेल ने प्रदेश चुनाव के परिणामों को लेकर नेताओं को फीडबैक दिया है।दो डिप्टी सीएम पर भी चर्चाएं भी शीर्ष नेताओंखबर यह भी है कि भाजपा नेतृत्व मध्यप्रदेश में नेताओं और जातिगत संतुलन बनाने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर रहा है। ऐसे में मौजूदा 5 दिग्गज नेताओं में से किसी दो को या दूसरे वरिष्ठ विधायकों को इन पदों पर बैठाया जा सकता है। इनमें से एक युवा विधायक व एक वरिष्ठ विधायक के नाम पर विचार होने की चर्चा है।तोमर, सिंधिया और फग्गन सिंह भी मिलेजानकारों की मानें तो संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने दिल्ली पहुंचे केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने के साथ मुलाकात की है। चुनाव हारे फग्गन सिंह कुलस्ते, गणेश सिंह और चुनावी जीती रीति पाठक, राव उदयप्रताप सिंह भी दिल्ली पहुंचे हैं।वीडी, भूपेन्द्र भी रेस में हो सकते हैं शामिलसूत्रों का कहना है कि यदि इन दिग्गज नेताओं में से किसी पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं।आज संसदीय बोर्ड की बैठक
Source: Dainik Bhaskar December 05, 2023 16:17 UTC