Hindi NewsLocalRajasthanBhilwaraThere Was A Stir In The Political Camp, The Tehsildars Of The State United Against These Former Ministers And MLAs Of RajasthanAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपMLA-तहसीलदार में खुला टकराव: कांग्रेस विधायक रामलाल जाट ने महिला ऑफिसर को फोन पर गालियां दीं और धमकाया; CM तक पहुंचा मामलापूर्व मंत्री, मांडल से कांग्रेस विधायक, भीलवाड़ा डेयरी के अध्यक्ष रामलाल जाट और हुरड़ा तहसीलदार स्वाति झा के बीच हुए विवाद से राजधानी जयपुर तक सियासी-प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। तहसीलदार ने रामलाल जाट पर धमकाने और गालियां देने का आरोप लगाया है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले में राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद (RTS एसोसिएशन) विधायक जाट के खिलाफ लामबंद हो गई है। RTS एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख जाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।विधायक रामलाल जाट का आराेप है कि तहसीलदार जनता के काम नहीं करती हैं। जाट का तर्क है कि जनता के काम ताे बताने ही पड़ेंगे, लेकिन इसमें अभद्रता जैसा कुछ नहीं हुआ है। इस मामले में तहसीलदार झा काे राजस्व मंडल ने 21 मई काे एपीओ कर दिया था, लेकिन हाईकाेर्ट से स्टे मिलने पर उन्हाेंने बुधवार शाम काे हुरड़ा में कार्यभार संभाल लिया है। दाेनाें के बीच विवाद एक जमीन के नामांतरण मामले से जुड़ा है। बताया जाता है कि तहसीलदार के पास कुछ लाेग नकल लेने आ रहे थे, लेकिन उन्हें नकल नहीं मिली इसलिए यह विवाद हुआ है। हालांकि तहसीलदार ने कहा कि नकल में देरी का काेई मामला नहीं है।सुबह घटना, शाम को तबादलाहुरड़ा तहसील कार्यालय में 21 मई काे बाेरखेड़ा के तीन लोग जिनमें गढ़वालाें का खेड़ा सरपंच हेमराज आदि लाेग नायब तहसीलदार के पास जमाबंदी की नकल लेने गए थे। तहसीलदार स्वाति झा वहां पहुंच गईं। तहसीलदार ने कहा कि अभी नकल नहीं मिल सकती क्याेंकि काेविड के कारण स्टाफ पूरा नहीं है। इस पर उन लाेगाें ने विधायक रामलाल जाट काे फाेन लगाकर तहसीलदार से बात करवाई। आरोप है कि फाेन पर अभद्रता हुई। इसके बाद विवाद बढ़ गया। यह घटना सुबह 11 बजे हुई और शाम करीब 4 बजे तहसीलदार झा एपीओ कर दी गईं। तत्काल बाद उन्हें रिलीव भी कर दिया।गुलाबपुरा थाने में पहुंचा तहसीलदार निवास पर मारपीट का मामलातहसीलदार का आरोप है कि 21 मई की शाम कुछ लाेग उनके सरकारी निवास पर पहुंचे जहां घरेलू कर्मचारी से मारपीट की। इसका केस गुलाबपुरा थाने में दर्ज हाे गया है। वहीं तहसीलदार ने भी एक रिपोर्ट दी है, जिसमें अभद्रता करने का आरोप है। हालांकि यह अभी परिवाद में हैं।आरटीएस एसोसिएशनप उतरा विधायक के विरोध मेंगुरुवार काे राजस्थान तहसीलदार परिषद ने मुख्यमंत्री काे निंदा प्रस्ताव भिजवाया। परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ऋषभ देव तहसीलदार विमलेंद्र राणावत ने आराेप लगाया कि विधायक का व्यवहार महिला अधिकारी काे धमकाने वाला, अभद्र व अमर्यादित था। चेतावनी दी कि विधायक पर कार्रवाई नहीं हुई ताे प्रशासनिक काम का बहिष्कार करेंगे।रामलाल जाट बोले- तहसीलदार जहां भी रहीं विवादित ही रहीं,उनके खिलाफ बिजयनगर थाने में दाे मामलेकांग्रेस विधायक रामलाल जाट ने कहा,बाेरखेड़ा की लालीदेवी जमीन के नामांतरण के लिए परेशान हाे रही थीं। वहां के लाेगाें ने समस्या बताई। जन प्रतिनिधि हाेने के नाते उनकी समस्या सुनना हमारा फर्ज है। फाेन पर भी यही काम बताया है। अभद्रता जैसा कुछ नहीं है। ऐसा है ताे वे रिकाॅर्डिंग या कुछ तथ्य बताएं। वैसे भी, तहसीलदार झा जहां भी रहीं, विवादित ही रहीं। उनके खिलाफ बिजयनगर पुलिस थाने में दाे मामले भी दर्ज हैं। अब जनता के काम ताे करने ही पड़ेंगे। इसमें काेई राेड़े अटकाएगा ताे हम उन्हें काम करने के लिए भी कहेंगेतहसीलदार स्वाति झा बोलीं, मेरे साथ अभद्रता हुई है, मेर खिलाफ कहां मामले दर्ज मुझे नहीं पतातहसीलदार स्वाति झा ने कहा,लालीदेवी एक बार भी मुझसे नहीं मिली। तीन लड़के आ रहे थे, किसी जमीन की नकल के लिए। वे 18 मई काे मेरे पास आए थे। मैंने तीन दिन बाद बुलाया ताे 21 मई काे वापस आ गए। कोविड की वजह से स्टाफ नहीं था। इसलिए कहा कि आज नकल नहीं मिल सकती। उन्हाेंने मेरी यह कहकर किसी व्यक्ति से बात कराई और कहा कि रामलाल जाट से बात कर लें। सामने माेबाइल पर काैन बात कर रहे थे यह ताे पता नहीं है लेकिन अभद्रता हुई है। म्यूटेशन खुलने में या और किसी काम में देरी नहीं हुर्ई। मेरे खिलाफ कहां मामले दर्ज हैं, यह मेरी जानकारी में नहीं है।दाेनाें के बीच विवाद की असली कहानीबाेरखेड़ा गांव की विधवा लालीदेवी जाट ने वर्ष 2018 में तीन बीघा कृषि जमीन खरीदी थी। वर्ष 2021 तक इसका नामांतरण नहीं खुला। बताया गया है की लालीदेवी पचासाें बार तहसील के चक्कर काट चुकी हैं। लाली ने यह जमीन भीम सिंह से खरीदी लेकिन उनका निधन हो गया। बताया जाता है कि इस जमीन पर उनकी पत्नी बसन्त कंवर ने भी हक़ जताया। बसंत कंवर ने नामांतरण का आवेदन कर दिया। इस पर मामला कोर्ट में चला गया। आरोप है मामला विचाराधीन और यथस्थिति के आदेश के बावजूद बसन्त कंवर के पक्ष में नामांतरण खुल गया।अब इस जमीन की नकल मांगी जा रही थी लेकिन नहीं मिलने पर लाेगाें ने विधायक जाट की तहसीलदार झा से बात कराई थी। तब यह विवाद हाे गया। विवाद के बाद का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। हालांकि अब जिला प्रशासन ने इसकी वास्तविक रिपोर्ट मांगी है।रिपोर्ट : जसराज ओझा
Source: Dainik Bhaskar May 28, 2021 09:26 UTC