Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में खटपट की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को मनचाही सीटों पर झटका लग सकता है। फॉर्मूला कुछ ऐसा बन रहा है कि कांग्रेस की सीटें अपने आप घट जाएंगे। वहीं आरजेडी भी बढ़ चढ़कर कई सीटों पर दावे ठोक रही है। अब देखने वाली बात होगी कि मामला कैसे सुलझता है।राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ ही दिनों में खटपट शुरू होनेवाली है। खटपट का कारण सीटों का बंटवारा ही होगा। कांग्रेस 31 सीटों से बढ़कर 33 अथवा 35 सीटों पर दावा कर रही है लेकिन अपनी सीटें कटने से बचाने का रास्ता भी खोजना होगा। फिलहाल जो फॉर्मूला बनाने की कोशिश की जा रही है, उसके अनुसार वामपंथी दलों को सीटें तो मिलेंगी लेकिन इसके एवज में कांग्रेस और राजद की सीटें खुद-ब-खुद कट जाएंगी, झामुमो का कोई नुकसान नहीं होगा।पढ़ें कैसे बिगड़ रहा कांग्रेस का फॉर्मूला फॉर्मूला के अनुसार पिछले चुनाव में जिस पार्टी ने जहां बेहतर प्रदर्शन किया था और जहां संघर्ष देने में कामयाब हुई थी उन्हें उस सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा। इस फॉर्मूले से वामपंथी दलों को छह-सात सीटें मिलने का रास्ता खुल रहा है। बदले में नुकसान राजद और कांग्रेस का हो रहा है। पिछले चुनाव को आधार मानकर अगले चुनाव में टिकट की दावेदारी का फॉर्मूला वास्तविकता में कांग्रेस की ही सोच है। इसी आधार पर कांग्रेस ने झामुमो के साथ चुनावी गठबंधन कर अपनी सीटें बढ़ाने में सफलता पाई थी। झामुमो को 31 सीटें देने के लिए सहमत कर लिया था। मसौदा यही बना था कि जहां पार्टी पहले स्थान पर रही हो और जहां दूसरे स्थान पर मजबूती से मुकाबला किया हो वह सीटें उस पार्टी को मिलेंगी।इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया तो राजद बरकट्ठा और छतरपुर जैसी सीटें गंवा देगा। बरकट्ठा राजद के खाते में गई थी लेकिन उन्हें चुनाव में जनता धकेलकर सातवें स्थान पर पहुंचा दिया था। जाहिर सी बात है राजद के खाते से यह सीट कट जाएगी। वामपंथी पार्टियों (माले और मासस) के हिस्से में आसानी से सिंदरी, निरसा, बगोदर और राजधनवार जैसी सीटें आ जाएंगी तो कांग्रेस को कई सीटों से हाथ धोना पड़ेगा जहां पिछले चुनाव में पार्टी की स्थिति बहुत ही नाजुक रही थी। इन सीटों में भवनाथपुर, विश्रामपुर, तीन सीटों पर दावा ठोकने की तैयारी में झामुमो सिमरिया, बगोदर और जमशेदपुर जैसी सीटें हैं। इन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे या चौथे स्थान पर रहे थे तो कहीं जमानत भी गंवा बैठे थे। ऐसी तमाम सीटों पर झामुमो अपना दावा ठोकने की तैयारी में है। ज्ञात हो कि चुनाव में झामुमो के हिस्से में 43 सीटें आई थीं, कांग्रेस के हिस्से में 31 और राजद को सात सीटें मिली थीं। चुनाव परिणाम के आधार पर महागठबंधन में सबसे खराब प्रदर्शन राजद का था जिसे सात में से महज एक सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 31 सीटों में से 16 पर जीत दर्ज की थी जबकि झामुमो को 30 सीटों पर जीत मिली थी।
Source: Dainik Jagran October 08, 2024 04:50 UTC