जेट एयरवेज की उड़ानें ठप होने से ऐसे यात्रियों को दोहरा खामियाजा भगतना पड़ेगा।एविएशन एकसपर्ट्स के मुताबिक सिर्फ दो सूरतों में ही ग्राहकों को उनका पैसा रिफंड हो सकता है।जेट की उड़ानें ठप होने से इसके 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं।नई दिल्ली. देश की बड़ी एयरलाइंस में शामिल जेट एयरवेज के ठप पड़ने से एक तरफ जहां हजारों कर्मचारियों पर नौकरी का संकट आ खड़ा हुआ है, वहीं कंपनी के ग्राहकों को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। बुधवार को एयरलाइंस के ठप पड़ने से पहले तक जिन ग्राहकों ने आगे की तारीखों के टिकट बुक करा लिए थे उन्हें टिकट का पैसा मिलना बहुत मुश्किल होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेट के पास यात्रियों के 3,500 करोड रुपए अटके हैं, जो कंपनी को रिफंड करने होंगे।यात्रियों पर पड़ेगी दोहरी मारजेट एयरवेज की उड़ानें ठप होने से ऐसे यात्रियों को दोहरा खामियाजा भगतना पड़ेगा, जिन्होंने इस एयरलाइंस से आगे की तारीखों के टिकट बुक किए थे। एक तो टिकट कैंसिल कराने पर भी उन्हें रिफंड नहीं मिलेग, दूसरा उन्हें काफी ऊंचे दामों पर टिकट दूसरी एयरलाइंस से तत्कालीक टिकट खरीदने पड़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली से लंदन का टिकट अगर किसी यात्री ने दो महीने पहले 66 हजार रुपए का लिया था, तो अब यही टिकट 1.20 लाख का है।यह भी पढ़ें- मुकेश अंबानी की नजर Jet Airways पर, पार लगा सकते हैं डूबती नैयासरकार का दखल जरूरीएक्सपर्ट का कहना है कि इस मामले में सरकार को तुरंत दखल देना चाहिए। सरकार को तय करना होगा कि नियमों के तहत मुसाफिरों को उनका पैसा लौटाया जाएगा या फिर उन्हें दूसरी एयरलाइंस में यात्रा कराई जाएगी। ट्रैवल एजेंट असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुभाष गोयल कहते हैं कि सरकार और डीजीसीए उसी सेक्टर की दूसरी एयरलाइंस को जेट के टिकट स्वीकार करने और उसके यात्रियों को अपनी फ्लाइट में जगह देने का निर्देश दे सकते हैं। जानकार हर्षवर्धन कहते हैं कि अगर सरकार ने पहले दखल दिया होता और जेट को भविष्य के लिए टिकट बुकिंग से रोका जाता तो यात्रियों का पैसा बच सकता था।यह भी पढ़ें- चीन छोड़ने को मजबूर हुआ दुनिया का सबसे अमीर शख्स, अब भारत से करेगा कमाईदो सूरतों में मिलेगा यात्रियों को पैसाएविएशन एकसपर्ट्स के मुताबिक सिर्फ दो सूरतों में ही ग्राहकों को उनका पैसा रिफंड हो सकता है। पहली सूरत है कि कंपनी फिर चल निकले और उसका परिचालन सामान्य हो जाए। दूसरी सूरत होगा कि बैंक कंपनी की संपत्ति बेचकर रेश्यो के आधार पर यात्रियों को रिफंड दे दे।यह भी पढ़ें- कर्ज में डूबी Air India जेट एयरवेज का बनेगी सहारा, दिया यह बड़ा ऑफरकर्मचारियों ने राष्ट्रपति से लगाई मदद की गुहारवहीं दूसरी ओर, जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी के बकाया और कंपनी को फौरी मदद देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर भी मदद की गुहार लगाई है। जेट की उड़ानें ठप होने से इसके 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं। सिविल एविएशन में राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि कंपनी के तमाम सक्षम और काबिल कर्मचारियों को जल्द नौकरी मिल जाएगी।यह भी पढ़ें- Jet Airways की बर्बादी से इस विमान कंपनी को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
Source: Dainik Bhaskar April 21, 2019 10:51 UTC