Jagran Special : बरेली में दो कोरोना संक्रमितों की मौत पर नोडल अधिकारी ने बिठाई जांच - News Summed Up

Jagran Special : बरेली में दो कोरोना संक्रमितों की मौत पर नोडल अधिकारी ने बिठाई जांच


बरेली, जेएनएन। जिले में संक्रमितों की मौत का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसके बाद भी जिले के सरकारी व निजी अस्पताल मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसी ही दो मामले कोविड-19 की समीक्षा के दौरान जिले के नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के सामने आ गए। संक्रमितों की मौत के बाद जब उनकी डिटेल भेजी गई तो समझ आ गया कि लापरवाही प्राथमिक स्तर से ही हुई है। उन्होंने जिलाधिकारी और सीएमओ से मामले की जांच करने और अस्पताल प्रबंधन से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए हैं।केस :-1पांच दिन तक नहीं किया रेफर, नहीं लगाया रेमडेसिवीर फतेहगंज पश्चिमी निवासी 65 वर्षीय नरेंद्र पाल की 21 अगस्त को कोविड एल-3 अस्पताल में मौत हो गई थी। उनकी मौत के पीछे मोटापा और हाइपरटेंशन का प्रमुख वजह बताया गया था। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि नरेंद्र को फतेहगंज पश्चिमी सीएचसी से रेफर किया गया था। उन्हें पांच दिनों से सांस लेने में दिक्कत थी। इस पर नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने कहा कि सीएचसी प्रभारी को पांच दिन देरी से रेफर करने और एल-3 अस्पताल के चिकित्सक व प्रबंधन से संक्रमित की हालत को देखते हुए भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन न देने के लिए स्पष्टीकरण तलब किया जाए। इस मामले में प्राथमिक और अंतिम दोनों ही स्तर पर मरीज के इलाज में लापरवाही हुई है।केस :- 2आक्सीजन 99 फीसद, फिर भी नहीं बचा पाए महिला की जान समीक्षा के दौरान पाया गया कि 20 अगस्त को नवादा इकरामुल्लाह निवासी 36 वर्षीय कुसुमा की मौत हुई थी। कुसुमा की मौत में सबसे बड़ी बात यह थी कि वह कम उम्र और उनका आक्सीजन स्तर 99 प्रतिशत था। इसके बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। नोडल अधिकारी ने 14 अगस्त को महिला को भर्ती कराया गया। 16 अगस्त को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनकी मौत के बाद मिली रिपोर्ट में साफ है कि उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं दिया गया। अगर समय पर रेमडेसिवीर दिया गया होता तो सायद जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने जिलाधिकारी नितीश कुमार को निर्देशित किया कि कोविड एल-3 अस्पताल से पूछें कि इंजेक्शन क्यों नहीं दिया गया। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त चिकित्सक से इस मामले का परीक्षण कराएं कि लापरवाही किस स्तर पर हुई।सीएम की समीक्षा बैठक में दे दी गलत जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से 22 जुलाई को नोडल अधिकारी को सूचना दी गई कि जिले में एक भी मौत नहीं हुई है। यह जानकारी एकदम सही थी। लेकिन अगले ही दिन जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों की समीक्षा बैठक की तो जिले से उन्हें बताया गया कि 22 जुलाई को जिले में तीन मौत हुई थीं। नोडल अधिकारी की ओर से रखे गए आंकड़े और जिले से बताए गए आंकड़ों में अंतर होने पर बैठक में नाराजगी जताई गई। इस पर नोडल अधिकारी जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि आंकड़े बताने से पहले मिलान कर लें ताकि सीएम तक गलत जानकारी न पहुंचे।नोडल अधिकारी को जिले की समीक्षा के दौरान मिली खामियों को दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है।उनकी ओर से जिन मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उनकी जांच भी शुरू करा दी गई है। अस्पतलों से रेमडेसिवीर इंजेक्शन न लगाने की वजह पूछी गई है। - डा. विनीत कुमार शुक्लाPosted By: Ravi Mishraडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran August 25, 2020 00:33 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */