Jagran Film Festival Day 4: खुशनुमा यादों के साथ जागरण फिल्म फेस्टिवल का समापन - News Summed Up

Jagran Film Festival Day 4: खुशनुमा यादों के साथ जागरण फिल्म फेस्टिवल का समापन


जागरण संवाददाता, नई दिल्लीl कई हिंदी और विदेशी फिल्मों के प्रीमियर और फिल्मी सितारों की दमदार उपस्थिति का गवाह बने दसवें जागरण फिल्म फेस्टिवल का रविवार को समापन हो गया। फेस्टिवल का अगला पड़ाव 26 से 28 जुलाई लखनऊ और कानपुर होगा। उसके बाद इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, पटना, जमशेदपुर, रांची, देहरादून, मेरठ, भोपाल, इंदौर, हिसार, जालंधर, आगरा और रायपुर से गुजरते हुए मायानगरी मुंबई में 29 सितंबर को इस घुमंतू फेस्टिवल का समापन होगा।दोपहर बाद शुरु हुई झमाझम बारिश के बावजूद लोगों के उत्सातह में कमी नहीं आई। वे बारिश का लुत्फ लेते हुए ईशान खट्टर, जैगम इमाम, शारिब हाशमी को सुनने और अपनी फिल्मों का आनंद लेने के लिए सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम पहुंचे। बीते गुरुवार से दिल्ली में आरंभ हुए फेस्टिवल के दौरान अनिल कपूर, रोहित शेट्टी, फराह खान, तापसी पन्नू, सिद्धांत चतुर्वेदी, ईशान खट्टर जैसे बड़े फिल्मी सितारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई तो वहीं ‘घरे बायरे आज, केडी, द टू लवर्स, क्या होगा, चिंटू का बर्थडे, टी फॉर ताजमहल सरीखी शानदार फिल्मों का प्रीमियर हुआ, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।अभिनेता शारिब हाशमी ने कहा,‘मैंने इस फेस्टिवल को लगातार फलते फूलते अपनी आंखों से देखा है। इसकी ग्रोथ देखकर बहुत अच्छा लगता है। हमने ‘फिल्मिस्तान’ भी इस मंच पर दिखाई थी। अब फिर इनामुल हक के साथ ही हमारी दूसरी फिल्मे नक्का्श यहां पर प्रदर्शित हुई। पुरानी यादें ताजा हो गई हैं।‘ नक्कापश के फिल्म निर्देशक जैगम ईमाम ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि जागरण फिल्मथ फेस्टिवल अपने दसवें पड़ाव पर पहुंच गया है। फिल्म मेकर्स व दर्शकों को इतना बड़ा मंच इसी फेस्टिवल में मिल पाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हर तरह के सिनेमा को एक मंच पर ला रहा है जिससे दर्शकों की संख्या बढ़ रही है।’फिल्म मेकर केतन मेहता, बाहुबली के निर्माता शोबू यरलागड्डा की ब्रेकिंग लैंग्वेज बैरियर इन इंडिया विषय पर बातचीत दर्शकों के लिए ज्ञानवर्धक रही। केतन मेहता ने बताया कि किस तरह फिल्में भाषाई बैरियर को तोड़ दर्शकों को एक सूत्र में बांध रही है। बालीवुड के झक्कास मैन अनिल कपूर ने अपने फिल्मी सफर पर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने स्लमडॉग मिलिनेयर फिल्म से जुड़े कई दिलचस्प किस्से सुनाए। अपर्णा सेन की बांग्ला फिल्म घरे बायरे को देखने दर्शकों का हुजूम उमड़ पड़ा। विधवा महिलाओं की व्यथा को दर्शाती शार्ट फिल्म विडो आफ वृंदावन ने काफी सराहना बटोरी।मधुमिता सुंदररमन ने भी दर्शकों को तमिल फिल्म केडी की कहानी और फिल्म बनाने के दौरान की चुनौतियां बताई। ईरान की पहली महिला निर्देशिका पोरान डेराखंसाडे की फिल्म द स्मोकी रुफ का भी प्रीमियर भी हुआ। उन्होंने ईरान में शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं के उल्लेखनीय योगदान को भी रेखांकित किया। चौथे और आखिरी दिन का आकर्षण रही तापसी पन्नू एवं ईशान खट्टर की फिल्मख समीक्षक राजीव मसंद संग बातचीत। जेएफएफ में प्रतिदिन आ रहे दर्शक अवनीश ने बताया कि यहां सलेक्टिव फिल्में दिखाई जाती है। ये फिल्में कहीं और देखने को नहीं मिलती है।Posted By: Rupesh Kumar


Source: Dainik Jagran July 21, 2019 15:00 UTC



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