बरेली, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी लोग कोरोना को लेकर जागरूक नहीं हैं। अगस्त माह में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाए गए। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लगातार प्रयास के बाद अधिकतर संक्रमितों और उनके संपर्क में आए लोगों को चिन्हित कर आइसोलेट कराया। लेकिन इस माह 36 ऐसे संक्रमित भी हैं जो सैंपल कराने के बाद से गायब हैं। उनका नाम, पता, मोाबइल नंबर सब गलत हैं। ऐसे लोगों की जानकारी पुलिस को भी दी गई, लेकिन वह भी स्वास्थ्य विभाग की मददगार न बन सकी।विभाग को दे रहे चुनौतीसैंपल कराने के दौरान ही नाम पता और मोबाइल नंबर गलत देने वाले लोग संक्रमित पाए जाने के बाद विभाग के लिए चुनौती बन गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम ने दिए गए नंबर और पते पर जब उनकी जानकारी की तो सब गलत था। ऐसे में वह लोग खुले में घूम रहे हैं तो निश्चित ही दूसरे लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। ऐसे लोगों की जानकारी संबंधित थाना पुलिस को भी दी गई है, लेकिन अब तक वहीं नहीं मिल सके। 23 अगस्त को आई 80 लोगों की रिपोर्ट में भी चार लोग ट्रेस नहीं किए जा सके।सीएमओ बोले- कराएंगे मिस्ड कॉलसीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला ने बताया कि ऐसे लोग पहले भी सामने आए जो ट्रेस नहीं हुए। इसके चलते एहतियात बरतते हुए अब सैंपल लिए जाने के दौरान ही संदिग्ध व्यक्ति से फार्म भरे जाने के समय ही मिस्ड कॉल करवाई जाएगी। जिससे मोबाइल नंबर गलत दिए जाने की संभावना खत्म हो सके। इससे रिपोर्ट आने के बाद संबंधित व्यक्ति की तलाश में परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। मुकदमा लिखा न संक्रमित ढूंढ सकी पुलिसमीरगंज क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक की रिपोर्ट बीते माह पॉजिटिव आई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे लेने पहुंची तो वह घर से गायब था। काफी तलाश के बाद जब वह नहीं मिला तो सीएचसी प्रभारी ने मामले की तहरीर पुलिस को दी। लेकिन पुलिस न संक्रमित को ढूंढ सकी और न ही इस मामले में कोई मुकदमा लिखा गया।Posted By: Ravi Mishraडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस
Source: Dainik Jagran August 25, 2020 02:48 UTC