जेएनयू और कॉन्ट्रोवर्सी का नाता काफी पुराना है। साल 2000 में यूनिवर्सिटी ने दो पाकिस्तानी कवियों फहमिदा रियाज और अहमद फराज को एक कल्चरल इवेंट के लिए इन्वाइट किया। वहां मौजूद दो आर्मी अफसरों ने इसका विरोध किया। इसके बाद जब अप्रैल 2010 में माओवादी हमला हुआ तो इसे लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन ने एक मीटिंग बुलाई। इसका एबीवीपी और एनएसयूआई के लोगों ने विरोध किया। फिर साल 2016 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कहा जाता है कि कथित तौर पर इसमें भारत के खिलाफ नारे लगाए गए जिसका एबीवीपी ने विरोध किया। मामले में जेएनयू के प्रेजिडेंट कन्हैया कुमार को अरेस्ट भी किया गया।
Source: Navbharat Times November 13, 2019 10:19 UTC