फोटो साभार: एएनआईजवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों के संसद मार्च के चलते राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में जाम लग गया है। छात्रों और पुलिस की सड़कों पर भारी मौजूदगी के चलते आवाजाही प्रभावित है। दिल्ली मेट्रो के 4 स्टेशनों को भी दिल्ली पुलिस ने अस्थायी रूप से बंद कर था, लेकिन अब सिर्फ लोक कल्याण मार्ग स्टेशन ही बंद है। इसके अलावा उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय स्टेशनों पर आवाजाही पर लगी रोक हटा ली गई है। दरअसल, लोक कल्याण मार्ग पर ही प्रधानमंत्री का आवास है।जेएनयू स्टूडेंट सफदरजंग मकबरे के बाहर इकट्ठा हो गए हैं। इसकी वजह से अरविंदो मार्ग पर ट्रैफिक रोक दिया गया है। सफदरजंग रोड, तुगलक रोड, लोक कल्याण मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। हिरासत में लिए गए स्टूडेंट्स को छुड़ाने के लिए तुगलक रोड थाने के नजदीक छात्र पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। 'आजादी' वाले नारे भी लगाए जा रहे हैं। पुलिस ने सफदरजंग मकबरे के पास छात्रों को रोका तो वहीं पर वे धरने पर बैठ गए और नारेबाजी कर रहे हैं। फिलहाल हंगामा थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।आपको बता दें कि आज छात्र संसद तक पैदल मार्च निकाल रहे हैं। छात्रों को संसद तक नहीं पहुंचने देने के लिए पुलिस फोर्स तैनात है। संसद और जेएनयू के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार जेएनयू विवाद को जल्द खत्म करने की कोशिशें भी कर रही है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक कमिटी बनाई है।4.20: मार्च रोके जाने पर छात्र सड़क पर ही बैठ गए हैं, वे आजादी के नारे लगाकर अपनी मांगों को आवाज दे रहे हैं।छात्रों के संसद मार्च को पुलिस ने सफदरजंग के मकबरे के नजदीक रोका।छात्रों के पैदल मार्च को देखते हुए संसद के नजदीक के तीन मेट्रो स्टेशन उद्योग भवन, पटेल चौक और सेंट्रल सेक्रेटेरियट की एंट्री और एग्जिट को बंद कर दिया गया है।पुलिसवालों की बैरिकेडिंग से बचकर कुछ छात्र आगे बढ़ गए हैं। वे संसद की तरफ पैदल मार्च कर रहे हैं।आखिरी बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे छात्रों को पुलिस हिरासत में ले रही है। इन्हें बसों में बैठकर पास के थाने लेकर जाया जा रहा है।आखिरी बैरिकेडिंग पर पुलिस ने वॉटर कैनन की भी व्यवस्था की है। फिलहाल छात्र बेर सराय रोड से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।पुलिसवालों ने छात्रों को रोकने के लिए 5 लेयर की बैरिकेडिंग की थी। इसमें से 4 लेयर की बैरिकेडिंग तोड़ दी गई है। फिलहाल छात्र आखिरी बैरिकेडिंग पर पहुंच चुके हैं।पुलिसवाले अपनी सुरक्षा में हेलमेट पहनकर छात्रों को रोक रहे हैं। छात्र सारे बैरिकेड तोड़कर आखिरी बैरिकेड तक पहुंच गए हैं।एक और बैरिकेडिंग टूटी। करीब 2 हजार छात्र प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रहे।प्रदर्शन के बीच कुछ छात्रों को हिरासत में लिए जाने की खबर है।छात्रों का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। वे बस संसद तक जाकर अपने प्रतिनिधियों (सांसदों) का ध्यान अपनी परेशानी की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि संसद सत्र की वजह से छात्रों को संसद तक नहीं जाने दिया जा रहा।पुलिसवालों द्वारा बैरिकेडिंग के साथ यह पोस्टर लगाया गया है। लिखा है कि 144 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई हो सकती है।पुलिस ने छात्रों को अब बेर सराय रोड पर रोक लिया है। उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा।छात्रों का कहना है कि यह मार्च बेहद शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जा रहा है। इस दौरान पुलिसवाले भी छात्रों के साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान पुलिसवाले शांति बनाए रखने और आगे न बढ़ने के लिए लाउड स्पीकर से भी घोषणा कर रहे हैं। जेएनयू से संसद तक का मार्च शुरू हो चुका है। पुलिस ने बैरीकेडिंग करके छात्रों को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वे उसे तोड़कर आगे बढ़ गए। फिलहाल छात्र संसद की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।जेएनयू छात्र विवाद सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने एक कमिटी का गठन किया है। यह कमिटी एचआरडी मिनिस्ट्री द्वारा बनाई गई है। इस हाई पावर कमिटी का काम छात्रों और प्रशासन से बात करके सभी विवाद खत्म करना है। तीन सदस्यीय समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रफेसर वी.एस. चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन शामिल हैं।इससे पहले सुबह 10.45 पर संसद के बाहर और आसपास धारा 144 लगा दी गई थी। बता दें कि छात्र चाहते हैं कि फीस में हुए बदलाव को पूरी तरह से खत्म किया जाए, यानी कोई बदलाव नहीं हो।जेएनयू वीसी प्रो जगदीश कुमार कुमार ने रविवार को वेबसाइट में विडियो मेसेज के जरिए स्टूडेंट्स से अपील की है कि वे अपनी हड़ताल खत्म करें। वीसी ने कहा है कि हड़ताल से दो हफ्तों से यूनिवर्सिटी की पढ़ाई में बहुत नुकसान हुआ है। मुझे स्टूडेंट्स, पैरंट्स से कई मेसेज मिल रहे हैं और वे पढ़ाई के इस नुकसान को लेकर परेशान हैं। अगर आपको हॉस्टल को लेकर कोई दिक्कत है, तो प्रशासन की ओर से बातचीत के लिए आपका स्वागत है। पहले वॉर्डन से बात करें, वरना प्रोवोस्ट, डीन से और फिर भी समस्या है तो वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत कर सकते हैं।बता दें कि सारा विवाद जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाने को लेकर था। छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने बढ़ाई गई फीस में 50 प्रतिशत की कमी कर दी थी। हालांकि, उसमें कुछ पेच थे, जिसकी वजह से जेएनयू छात्रों ने प्रदर्शन नहीं रोका। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का कहना है कि यह सिर्फ झांसा है।
Source: Navbharat Times November 18, 2019 06:36 UTC