Ivermectin क्या है? Ivermectin मुंह के जरिए दी जाने वाली ऐसी दवा है जिसका प्रयोग पैरासिटिक इन्फेक्शंस के इलाज में होता है। 1981 में इस दवा का मेडिकल इस्तेमाल शुरू हुआ। यह WHO की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। कुछ रिसर्च में पाया गया कि यह SARS-CoV-2 समेत कुछ सिंगल-स्ट्रैंड RNA वायरस के खिलाफ ऐंटीवायरल असर दिखाती है।गोवा सरकार ने क्या कहा है? गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने सोमवार को कहा था, '18 साल से ऊपर सभी मरीजों को पांच दिनों के लिए 12एमजी की आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी।' राणे ने दावा किया था कि यूके, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट ने भी इस दवा के असर का माना है। गोवा के अलावा दूसरे राज्यों में भी कोरोना के इलाज के लिए यह दवा मरीजों को दी जाती रही है। यहां तक कि यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नैशनल कोविड टास्क फोर्स ने भी बीते महीने लिए इस दवा को हरी झंडी दी थी।WHO क्यों कह रहा, मत करो इस्तेमाल? WHO ने कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, 'किसी नए लक्षण में जब कोई दवा इस्तेमाल करते हैं तो उसकी सुरक्षा और असर का ध्यान रखना जरूरी है। डब्लूएचओ सलाह देता है कि क्लीनिकल ट्रायल को छोड़कर कोरोना मरीजों को यह दवा ना दी जाए।'दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा- सबूत नहीं है स्वामीनाथन ने अपने ट्वीट के साथ दवा बनाने वाली कंपनी का बयान भी पोस्ट किया है। इसके मुताबिक, प्री-क्लीनिकल स्टडीज में कोविड-19 के ट्रीटमेंट में इस दवा के चिकित्सकीय प्रभाव का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।Ivermectin बनाने वाली कंपनी ने जारी किया बयान
Source: Navbharat Times May 12, 2021 06:14 UTC