अब तक 1990 मरीज ठीक होकर घर लौटे, हाेटल, गार्डन में क्वारैंटाइन 3338 लोगों को घर भेजारविवार रात आई रिपोर्ट में 53 नए कोरोना संक्रमित मिले, 3 लाेगों की मौत की भी पुष्टि हुईदैनिक भास्कर Jun 01, 2020, 12:22 PM ISTइंदौर. रविवार रात कोविड-19 के 53 नए मरीज मिले। 3 मरीजों की मौत भी हुई है। अब तक जिले में 36635 संदिग्धों की रिपोर्ट आ चुकी है, इनमें से 3539 लोग संक्रमित पाए गए हैं। कुल 135 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि राहतभरी खबर यह है कि इस बीमारी से ठीक होने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को दो अस्पतालों से 101 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिलाकर अब तक कुल 1990 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इसके अलावा 3338 लोग जो होटल या गार्डन में क्वारैंटाइन थे, वे घर लौट चुके हैं।अरबिंदो अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी राजीव सिंह के मुताबिक, यहां से घर लौटे मरीजों में से 70 पॉजिटिव थे और 30 व्यक्ति संदिग्ध थे। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज किया। एक महिला ने कहा कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर्स और नर्सेस ने ख्याल रखा। हम खुश हैं कि वापस परिजन के पास लौट रहे हैं। वहीं, 60 वर्षीय बुजुर्ग ने नागरिकों से अपील की कि वे कोरोना को हल्के में न लें, इससे संबंधित सावधानियों को जीवन का हिस्सा बनाएं।अवैध शराब बेचने वाला पॉजिटिव निकला, 7 पुलिसवालों सहित 10 क्वारैंटाइन हुएइधर, अवैध शराब बेचने वाले एक बदमाश को पकड़ना पुलिस के लिए भारी पड़ गया। दरअसल, जिसे पुलिस जवान पकड़कर लाए थे वह कोविड-19 पॉजिटिव निकला। इसके बाद 7 पुलिसकर्मियों और 3 आम लोगों को उसके संपर्क में आने के बाद क्वारैंटाइन किया गया। एएसपी जोन-3 शशिकांत कनकने ने बताया कि घटना शनिवार की है। लिम्बोदी गांव में एक युवक द्वारा अवैध शराब बेचने की सूचना पर तेजाजी नगर थाने की टीम उसकी धरपकड़ के लिए गई थी।फड़नीस कॉलोनी विकसित करने वाले रमेश फड़नीस की काेराेना से माैतएबी रोड पर शहर की सबसे पुरानी कॉलोनी में से एक फड़नीस कॉलोनी विकसित करने वाले रमेश फड़नीस की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई। वे दिल के मरीज थे। ब्लड प्रेशर और शुगर भी थी। उनकी घर पर ही तबीयत बिगड़ी तो बेटा और परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए। यहां से अरबिंदो अस्पताल भेजा गया। 7 दिन आईसीयू में भी रखा गया, लेकिन 29 मई को उन्होंने दम तोड़ दिया। लिकप्रूफ कवर में उनका शव सीधे मुक्तिधाम ले जाया गया। परिवार के लोग उनकी देह को ठीक से देख भी नहीं पाए। मुक्तिधाम में शव आते ही कुछ मिनट बाद दाह संस्कार के लिए बाॅडी भेज दी गई। बेटे और परिजन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
Source: Dainik Bhaskar June 01, 2020 04:44 UTC