जानकारों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की उक्त दोनों नीतियों से भारत को फायदा ही होगा। प्रमुख रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि ट्रंप की जीत ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का रास्ता खोल दिया है और साथ ही यह भारत के साथ संबंधों में फिर से परस्पर आदर भाव डालने का काम करेगा। चीन पर भी नजर रहेगी।जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी राजनीति में सबसे ऐतिहासिक कमबैक करने के बाद आम तौर पर दुनिया के तमाम विशेषज्ञ मान रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की कई नीतियां मौजूदा वैश्विक व्यवस्था में उथल-पुथल मचा सकती हैं।यूक्रेन-रूस युद्ध से लेकर पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के अलावा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) जैसे संगठनों की भूमिका और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर ट्रंप की नीतियां मौजूदा जो बाइडन सरकार से बिल्कुल अलग हो सकती हैं। लेकिन जहां तक भारत की बात है तो यहां के नीतिकार ट्रंप की दो प्रमुख नीतियों पर नजर रखेंगे। पहली, हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर चीन की आक्रामक गतिविधियों को रोकने और दूसरी, चीन निर्मित उपकरणों पर अमेरिकी निर्भरता को खत्म करने को लेकर नई सरकार की नीति। ट्रंप की जीत ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का रास्ता खोल दियाजानकारों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की उक्त दोनों नीतियों से भारत को फायदा ही होगा। प्रमुख रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि ट्रंप की जीत ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का रास्ता खोल दिया है और साथ ही यह भारत के साथ संबंधों में फिर से परस्पर आदर भाव डालने का काम करेगा। बाइडन प्रशासन के भीतर के लोगों के हस्तक्षेप की वजह से भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों में तनाव आ गया था। भारत और अमेरिका के रिश्ते और गहरे होंगे पिछले वर्ष तक अमेरिका में राजदूत रहे तरणजीत सिंह सिद्धू ने एक मीडिया चैनल को बताया है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते और गहरे होंगे। खास तौर पर रणनीतिक क्षेत्र में। कई क्षेत्रों में यह साझेदारी और प्रगाढ़ होगी। यह भी याद रखना होगा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की पहली नीति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में जारी की थी और इसमें हमेशा भारत की एक अहम भूमिका होगी।
Source: Dainik Jagran November 07, 2024 12:07 UTC