शहर की कुल आबादी 60 हजार है, इनमें 30 हजार छात्र शामिल हैं, सबसे ज्यादा भारत, श्रीलंका, चीन, साउथ कोरिया जैसे देशों सेप्रोफेसर लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए क्लास लेते हैं, मॉल-रेस्टोरेंट खुले, लेकिन होम डिलीवरी को प्राथमिकताअर्जक भट्टाचार्जी Mar 30, 2020, 02:12 AM IST Mar 30, 2020, 02:12 AM ISTवॉशिंगटन की पुल्मन सिटी... अमेरिका इसे कॉलेज सिटी के नाम से जानता और पुकारता है। यहां की 60 हजार की आबादी में 70 फीसदी से ज्यादा युवा और 50 फीसदी यानी 30 हजार छात्र हैं। इस शहर का नाम लेते ही अमेरिका के लोगों के जेहन में जो तस्वीर उभरती है, वह है सड़कों पर हर ओर युवाओं की चहल-पहल और मौज-मस्ती। पर दो हजार 384 लोगों को खो चुके अमेरिका का यह शहर अब अपनी तस्वीर से बिल्कुल उलट नजर आ रहा है। सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है, पर मुसीबत की घड़ी में शहर ने खुद को सेल्फ लॉकडाउन कर लिया है। बाशिंदे नियमों का इतने अनुशासन ने पालन कर रहे हैं कि सड़कें सूनी हैं, पार्क खाली हैं। और तो और, छात्रों से खचाखच भरे रहने वाले यूनीवर्सिटी और कॉलेज भी बंद हैं। इनमें दुनियाभर में मशहूर वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी भी शामिल है, जिसका छात्रों में क्रेज है। इसके अलावा यहां कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसर्च लैब, इंजीनियरिंग लैब, साइबर सिक्योरिटी लैब हैं। जहां ज्यादातर छात्र भारत, चीन, बांग्लादेश, साउथ कोरिया, पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों से आए हैं। अब सब कुछ बंद है। पर पढ़ाई रुकी नहीं है, वह जारी है और एकदम समय पर। तय वक्त पर प्रोफेसर क्लासेज लेते हैं और छात्र पढ़ाई करते हैं, लेकिन वर्चुअली यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए। मकसद सिर्फ एक है कि संक्रमण का खतरा ना बढ़े और छात्रों का भविष्य भी खराब ना हो।रेस्टोरेंट खुले होने के बावजूद लोग नहीं जा रहे। जरूरत पड़ने पर होम डिलीवरी की सुविधा का लाभ ले रहे।युवा ही नहीं, यहां के दूसरे लोगों ने भी अपनी हदें तय कर ली हैं ताकि मुसीबत घर ना चली आए। शहर के 13 पार्कों में बैरिकेडिंग कर दी गई है, झूलों को भी कवर कर दिया गया है। मॉल खुले हैं, रेस्टोरेंट खुले हैं, वॉलमार्ट भी खुला है.. पर लोगों की भीड़ नहीं दिखती। रेस्टोरेंट से लोग खाने का सामान लेकर बाहर से ही लौट जाते हैं। बाकी जरूरी चीजों के लिए होम डिलीवरी की सुविधा है। घरों और आसपास की सफाई का जिम्मा भी लोगों ने ही संभाल रखा है। ना कोई पार्टी होती है और ना कोई फंक्शन। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों ने खुद ही नियम बनाए हैं और उनका पालन भी कर रहे हैं।पुल्मन में स्थानीय लोगों ने पार्क को खुद कवर कर दिया है।यहां के हर आदमी को कोरोनावायरस के खतरे से आगाह किया गया है। लगातार स्वास्थ्य का परीक्षण होता है। अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो 5 मिनट के भीतर एंबुलेंस और डॉक्टर जांच के लिए पहुंच जाते हैं।पुल्मन में मेडिकल सुविधा काफी तेज है। इमरजेंसी नंबर डायल करने के 5 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाती है।इस शहर के अनुशासन ने दुनिया के सामने ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे सबक लेना चाहिए। खासतौर से भारत जैसे देश को, जहां संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन का ऐलान करना पड़ा है। पर, लोग अभी भी सड़कों पर खतरे को दावत देते फिर रहे हैं। सरकार की लाख हिदायतों और नियमों के बावजूद लोग उस लक्ष्मण रेखा पार कर रहे हैं... जिसे पार करने पर वे न सिर्फ अपने लिए, बल्कि बड़ी आबादी के लिए खतरा बन सकते हैं।
Source: Dainik Bhaskar March 29, 2020 14:04 UTC