ISRO Chief K Sivan says Chandrayaan2 orbiter is doing very well All payload operations have commenced - News Summed Up

ISRO Chief K Sivan says Chandrayaan2 orbiter is doing very well All payload operations have commenced


Chandrayaan 2: इसरो चीफ के सिवन का बड़ा बयान, विक्रम से संपर्क नहीं हो पाया लेकिन...नई दिल्ली, एजेंसी। इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काफी अच्छे से काम कर रहा है। सभी पेलोड संचालन शुरू हो गए हैं, यह बहुत अच्छा कर रहा है। हार्ड लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम से संपर्क नहीं हो पाया लेकिन ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय स्तर की समिति इस बात का विश्लेषण कर रही है कि वास्तव में विक्रम लैंडर के साथ क्या गलत हुआ।इसरो चीफ के. सिवन ने बताया कि लैंडर में क्या खराबी हुई, इसकी जांच एक राष्ट्रीय समिति कर रही है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद भविष्य को लेकर प्लान बनाए जाएंगे। सिवन ने गुरुवार को बताया है कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर सही से काम कर रहा है। सारे पेलोड ऑपरेशन शुरू हो चुके हैं और एकदम अच्छे से काम कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि हमें लैंडर से कोई सिग्नल नहीं मिला है लेकिन ऑर्बिटर सही से काम कर रहा है। एक राष्ट्रीय स्तर की समिति अब इस बारे में समीक्षा कर रही है कि लैंडर के साथ क्या गलत हो गया। हो सकता है कि समिति के रिपोर्ट जमा करने के बाद हम भविष्य के प्लान पर काम करें।गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्य में 98 फीसद सफल रहा है। उन्होंने कहा कि इसरो अब 2020 तक दूसरे चंद्रयान मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत सही तरीके से काम कर रहा है और उम्मीद है कि यह एक साल के बजाय साढ़े सात साल तक तय वैज्ञानिक प्रयोग ठीक से करता रहेगा।भुवनेश्वर में सिवन ने संवाददाताओं से कहा था कि हम अभी तक लैंडर से संपर्क स्थापित करने में सफल नहीं हो सके हैं। जैसे ही कोई डाटा हमें मिलता है आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि चंद्रमा पर रात हो गई है। लैंडर विक्रम की बैटरी को चार्ज करने के लिए अब सूरज की रोशनी नहीं मिलेगी। लैंडर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करना था।इसरो ने कहा है कि विक्रम से संपर्क टूटने के सही कारणों का पता लगाने के लिए डाटा का अध्ययन किया जा रहा है। सिवन ने कहा कि हम दो कारणों से कह रहे हैं कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसद लक्ष्य हासिल कर लिया है। पहला कारण विज्ञान और दूसरा प्रौद्योगिकी प्रमाण (टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन)। जहां तक प्रौद्योगिकी प्रमाण के मोर्चे की बात है तो इसमें लगभग पूरी तरह सफलता हासिल की गई है।साढ़े सात वर्ष तक चलेगा ऑर्बिटरइसरो चीफ सिवन ने बताया कि ऑर्बिटर के लिए शुरू में एक वर्ष की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब संभावना है कि यह साढ़े सात वषरें काम करेगा। उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर तय विज्ञान प्रयोग पूरी संतुष्टि के साथ कर रहा है। ऑर्बिटर में आठ वैज्ञानिक उपकरण हैं और सभी उपकरण अपना काम ठीक तरीके से कर रहे हैं।भविष्य की योजना पर चर्चा जारीसिवन ने कहा कि भविष्य की योजना पर चर्चा जारी है। अभी किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हमारी प्राथमिकता अगले वर्ष तक मानव रहित मिशन है। पहले हमें समझना होगा कि लैंडर के साथ क्या हुआ।Posted By: Sanjeev Tiwariअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Source: Dainik Jagran September 26, 2019 08:13 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */