ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या ने पार की पढ़ाई की पहली सीढ़ी, प्राप्‍त किया 97.4 प्रतिशत अंक - News Summed Up

ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या ने पार की पढ़ाई की पहली सीढ़ी, प्राप्‍त किया 97.4 प्रतिशत अंक


स्वस्ति नित्या - मैं लंबे समय तक बाहर रहती हूं। पुस्तक साथ लेकर जाती हूं। वहीं से शिक्षक और अपने दोस्‍तों से फोन पर स्‍कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की जानकारी लेती हूं। पढ़ाई के समय पूरे मनोयोग से अध्‍ययन करतीं हैं। वत्सल श्रीरंग मेरा छोटा भाई है। वह भी माउंट असीसि में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। उसे भी अभिनय का शोक है। वह भी इसमें भाग लेता है। कई टीवी शो में उसने भी हिस्सा लिया है।सवाल - स्कूल से कैसा सहयोग मिला आपको? स्‍वस्ति नित्या - मैं बचपन से माउंट असीसि स्‍कूल में पढ़ीं हूं। हमेशा अपने वर्ग में बेहतर अंक प्राप्‍त किया। प्रथम आई। सभी शिक्षकों ने काफी सहयोग किया। विभिन्‍न जगहों पर कार्यक्रम में भाग लेने के कारण स्‍कूल में अक्‍सर अनुपस्थित रहती है। इसके बावजूद स्‍कूल के सभी शिक्षकों ने मेरा पूरा ध्‍यान रखा। फोन पर मार्गदर्शन किया। प्राचार्य जोश थेक्‍कल ने हमारी काफी सराहना की। उन्‍होंने हमेशा मेरा उत्‍साहवर्द्धन किया। इस कारण मेरी पढ़ाई में कभी भी रूचि कम नहीं हुई। स्‍कूल में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का संचालन मैंने किया है। साथ ही कार्यक्रम में मुख्‍य भागीदारी निभाई।सवाल - आपके जीवन में दादी जी का‍ कितना प्रभाव पड़ा है? स्‍वस्ति नित्‍या - मानस कोकिला कृष्‍णा मिश्रा मेरी दादी हैं। उनका काफी प्रभाव मुझ पर पड़ा है। वे प्रवचन करतीं हैं। रामायण कथा सुनातीं हैं। इस कारण घर में भी आध्‍यत्मिक माहौल रहता है। मां सुषमा मिश्रा और पिता मानस कुमार मिश्रा भी मेरी दादी के साथ मिलकर घर में रामायण पढ़ते हैं। मैं भी बचपन से उनसे चौपाईयां सुनती और सिखती आई हूं। मुझे सुंदरकांड पढ़ना अच्‍छा लगता है। इसके अलावा दादी जी से सीखकर अन्‍य ग्रंथों का सस्‍वर पाठ करतीं हूं।सवाल - क्‍या संदेश देना चाहेंगी? स्‍वस्ति नित्‍या - कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। असफलता भी मिलती है। परीक्षा में फेल भी होते हैं। प्रतिभागियों की भीड़ में चयन भी नहीं होता। इसके बावजूद किसी को हारना नहीं चाहिए। लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए मेहनत करें। असफलता मिलने के बाद भी उसे छोड़ें नहीं। आप जरूर सफल होंगे। हां! एक बात जरुर याद रखें आप किसी भी विधा में बेहतर हो सकते हैं, लेकिन पढ़ाई से कभी दूर ना हों। पढाई से अन्‍य विधाओं को शृंगार मिलता है। यही सच्‍चा साथी है। आध्‍यात्‍म में रूचि रखें। ईश्‍वर पर विश्‍वास।Posted By: Dilip Shuklaडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran July 11, 2020 18:56 UTC



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