Honey Trap: हनी ट्रैप मामले के साक्ष्य आयकर को सौंपने पर एसआइटी की ना-नकुर - News Summed Up

Honey Trap: हनी ट्रैप मामले के साक्ष्य आयकर को सौंपने पर एसआइटी की ना-नकुर


भोपाल, राजीव सोनी। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) द्वारा जब्त सभी साक्ष्य और दस्तावेज आयकर विभाग के हवाले करने को लेकर फिलहाल ना-नकुर की स्थिति है। आयकर इंवेस्टीगेशन विंग का मानना है कि साक्ष्य हाथ में आने के बाद ही जांच की दिशा तय होगी। मामले में रसूखदारों की संलिप्तता, लाखों-करोड़ों रुपए का लेनदेन, कांट्रेक्ट आदि की छानबीन और साक्ष्यों का सत्यापन होना है। इसके बाद कालेधन और बेनामी संपत्ति को लेकर संबंधितों की आर्थिक कुंडली खंगाली जाएगी।प्रदेश के सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचाने वाले इस प्रकरण में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 20 जनवरी को एसआइटी को निर्देश दिए थे कि आयकर विभाग को 10 दिन में प्रकरण से जुड़े साक्ष्य सौंप दिए जाएं। एसआइटी का कहना है कि उसे अभी (सोमवार अपरान्ह तक) हाई कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। आदेश देखने के बाद ही अगली कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इधर, आयकर इंवेस्टीगेशन विंग इस इंतजार में है कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार उसे जो साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएंगे, उनकी पड़ताल के बाद मामले से संबद्ध अन्य लोगों को कालेधन के लेनदेन, हवाला, बेनामी प्रॉपर्टी और टैक्स के मुद्दे पर पूछताछ के लिए तलब करेंगे। प्रकरण में मुख्य आरोपित श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और आरती दयाल से हुई पूछताछ में आयकर विभाग लेनदेन के संदर्भ में सैकड़ों सवालों के लिखित बयान ले चुका है।उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग पूर्व में दो बार एसआइटी को पत्र भेजकर साक्ष्यों की मांग कर चुका है, जिसमें उसने हनीट्रैप प्रकरण में काली कमाई के लेनदेन की छानबीन में मदद का प्रस्ताव दिया था। निराशा हाथ लगने के बाद ही आयकर ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई।आदेश देखने के बाद अगली कार्रवाई: एसआइटी प्रमुखएसआइटी प्रमुख एवं स्पेशल पुलिस महानिदेशक राजेंद्र कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट का आदेश अभी हमारे पास पहुंचा नहीं है। कोर्ट के आदेश का अध्ययन और वकील से चर्चा के बाद ही अगली कार्रवाई तय करेंगे। यह पूछने पर कि क्या मामले में पुनर्विचार याचिका भी दायर करेंगे? इस पर वह बोले कि यह तो आदेश देखने के बाद ही निर्णय करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अभी हनी ट्रैप मामले में आरोपितों से जब्त साक्ष्य व अन्य जानकारी आदि आयकर को नहीं दी गई है।आयकर विभाग का मुख्य फोकस आर्थिक लेनदेन परहनी ट्रैप मामले में आयकर विभाग का मुख्य फोकस आर्थिक लेनदेन की छानबीन पर ही है। बाकी मामले से हमें कोई लेना-देना नहीं। प्रकरण में संबंधित लोगों से यदि राशि का लेनदेन हुआ है तो उसकी पड़ताल होगी, पैसा कहां से आया और कहां गया उसके तथ्य जुटाए जाएंगे। इसके आधार पर टैक्स वसूली निकाली जाएगी।- राजेश टुटेजा, महानिदेशक, आयकर विभाग, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़Posted By: Sanjeev Tiwariडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran January 27, 2020 15:56 UTC



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