Gulzar: Legendary writer-poet-filmmaker गुलज़ार [Gulzar] On How to Win and Self Improvement - News Summed Up

Gulzar: Legendary writer-poet-filmmaker गुलज़ार [Gulzar] On How to Win and Self Improvement


इस बात का मुकम्मल जवाब तो यही है- टहनी छोड़ें पानी में उतरें! उतरना ही चाहिए! जीतना आप तभी शुरू करते हैं।मेरा ख़याल है कि री-इनवेंशन के लिए ज़रूरी है कि यह भीतर से हो तभी फ़र्क़ दिखाई देगा। मैंने ‘परिचय’, ‘आंधी’, ‘माचिस’ जैसे कई तजुर्बात किए। ख़ुद को री-इनवेंट करना आसान नहीं है, मुमकिन ज़रूर है! इतनी आसान होती ज़िंदगी कि ग्रामर में पढ़ी जा सकती तो ग्रामर की किताब सामने रखकर जी लेते हम सब...ज़िंदगी की खूबसूरती ही यही है कि वह अनकही है, अनजान है। कौन जानता है अगले पल क्या होगा? मुझसे कई बार पूछा जाता है कि क्या आपने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है?


Source: Dainik Bhaskar January 01, 2020 02:35 UTC



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