नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आज के समय में अगर किसी व्यक्ति को पैसों की जरूरत होती है तो वह पर्सनल लोन लेकर उस जरूरत को पूरा कर लेता है और लोन का भुगतान ईएमआई में हो जाता है। किसी भी व्यक्ति को लोन पर ब्याज दर उसके जरिए लिए गए लोन अमाउंट, इनकम सोर्स, पहले लिए गए लोन, क्रेडिट स्कोर और कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है। पर्सनल जरूरतों के लिए आप पर्सनल लोन ले सकते हैं या फिर अगर आपके पास गोल्ड है तो आप उसपर भी लोन ले सकते हैं। अधिकतर लोन पर्सनल लोन या गोल्ड लोन के ऑप्शन के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं कि उनके लिए कौन सा लोन लेना ज्यादा सही रहेगा। आज हम आपको पर्सनल लोन और गोल्ड लोन के बीच अंतर बता रहे हैं।ब्याज दरअगर आप पैसों की जरूरत के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं तो इस पर ब्याज दर गोल्ड लोन के मुकाबले अधिक होगी। यह ब्याज दर लगभग 2-5 फीसद अधिक हो सकती है। पर्सनल लोन में रेट डिफरेंशियल का मुख्य कारण यह है कि पर्सनल लोन असुरक्षित हैं, लेकिन गोल्ड लोन सुरक्षित हैं। जैसे अगर कोई व्यक्ति गोल्ड लोन को चुकाने में सक्षम नहीं है तो बैंक गोल्ड डिपॉजिट की बराबरी करके अपना पैसा प्राप्त कर लेगा। वहीं पर्सनल लोन के मामले में बैंक के पास कोई अन्य ऑप्शन नहीं होता है।कितना लगता है समयपर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन अधिक बेहतर है। गोल्ड लोन पर ब्याज दर कम होती है और पर्सनल लोन के मुकाबले ज्यादा अमाउंट मिलता है। प्रोसेसिंग जल्दी होती है और लोन अमाउंट जल्दी मिल जाता है। सबसे खास बात यह है कि इसमें काफी कम डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है। जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर नहीं है या खराब क्रेडिट स्कोर है तो उन्हें भी आसानी से गोल्ड लोन मिल सकता है, लेकिन पर्सनल लोन के मामले में क्रेडिट स्कोर ठीक होना जरूरी है। पर्सनल लोन की प्रक्रिया काफी लंबी है, लेकिन गोल्ड लोन कम समय में मिल जाता है।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Nitesh
Source: Dainik Jagran June 13, 2019 12:00 UTC