नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज 41वीं जीएसटी परिषद की बैठक को संबोधित किया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल जीएसटी कलेक्शन काफी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जीएसटी कंपेनशेसन कानून के मुताबिक राज्यों को क्षतिपूर्ति दिए जाने की जरूरत है।हालांकि, अटार्नी जनरल ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन में कमी को भारत के एकीकृत फंड से नहीं पूरा किया जा सकता है। पांडेय ने कहा कि जुलाई, 2017 से जून, 2022 के ट्रांजिशन पीरियड के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाना है।पांडेय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी की आशंका है। दरअसल मुआवजे के रूप में जरूरत 3 लाख करोड़ की है, लेकिन सेस से होने वाली कमाई 65 हजार करोड़ संभावित है। इसलिए यह राशि 2.35 लाख करोड़ है। इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपये की कमी का कारण जीएसटी क्रियान्वयन है। शेष कमी का कारण महामारी है।उन्होंने कहा कि राज्यों को मुआवजा राशि की भरपाई के लिए 2 विकल्प दिए गए हैं। केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फिर आरबीआई से उधार लिया जाय। इस पर राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे।जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था असाधारण परिस्थिति का सामना कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक संकुचन हो सकता है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की पांच घंटे तक चली बैठक के दौरान राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के दो विकल्पों पर चर्चा हुई। सीतारमण ने कहा कि हम जल्द ही एक और जीएसटी बैठक कर सकते हैं।वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव ने कहा कि अप्रैल-जुलाई 2020 के दौरान कुल जीएसटी मुआवजा 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा, क्योंकि अप्रैल और मई में जीएसटी संग्रह नहीं हो पाया था।वित्त सचिव ने कहा, एक बार GST काउंसिल द्वारा व्यवस्था पर सहमति हो जाने के बाद हम बकाया राशि को तेजी से निपटा सकते हैं और आगे के वित्तीय वर्ष का भी ध्यान रख सकते हैं। बैठक में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 2017 में जब जीएसटी को पूरे देश में लागू किया गया था तो पांच सालों के लिए ट्रांजिशन पीरियड की घोषणा की गई थी। यह वक्त जून 2022 तक है।वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव ने कहा कि वार्षिक जीएसटी मुआवजे की जरूरत लगभग 3 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, और उपकर संग्रह लगभग 65,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।Compensation gap which has arisen this year (expected to be Rs 2.35 lakh crores), is due to #COVID19 as well. The shortfall in compensation due to the implementation of GST has been estimated to be Rs 97,000 crores: Finance Secretary on 41st GST Council Meet https://t.co/tPSEqoo24T" rel="nofollow" rel="nofollow — ANI (@ANI) August 27, 2020As mentioned by Finance Minister in GST Council meeting held in March, legal views of the matter were sought from the Attorney General of India who said that GST compensation has to be paid for transition period from July 2017 to June 2022: Finance Secretary Ajay Bhushan Pandey https://t.co/tPSEqoFCWr" rel="nofollow — ANI (@ANI) August 27, 2020Attorney-General said that GST Compensation has to be paid for a transition period- from July 2017 to June 2022. Revenue has to be protected compensation gap to be met from cess fund, which in turn has to be funded from levy of cess: Ajay Bhushan Pandey, Finance Secretary on GST https://t.co/FFiH4vN8a3" rel="nofollow — ANI (@ANI) August 27, 2020Central govt released more than Rs 1.65 lakh crore as GST compensation to states for FY 2019-20, including Rs 13,806 crore for March. Total amount of compensation released for 2019-20 is Rs 1.65 lakh crore, whereas cess amount collected was Rs 95,444 crore: Finance Secretary https://t.co/tPSEqoo24T" rel="nofollow" rel="nofollow pic.twitter.com/snF9bvsuzM — ANI (@ANI) August 27, 2020यह बैठक पहले जुलाई में ही होने वाली थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में जून में जीएसटी की बैठक के बाद इसकी घोषणा भी की थी। कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है।यहां देखें LIVEउल्लेखनीय है कि बुधवार को सात गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जीएसटी मुआवजे का मुद्दा उठाया गया। विपक्ष के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि केंद्र ने पिछले चार महीनों से राज्यों को जीएसटी मुआवजे का भुगतान नहीं किया है। उनका कहना था कि इससे आज स्थिति काफी भयावय हो गई है। सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को कटघरे में लेते हुए कहा कि जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार द्वारा राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं है।गौरतलब है कि जीएसटी कानून के अंतर्गत जीएसटी लागू होने के पांच साल तक राज्यों को किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार द्वारा करने का प्रावधान है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पूरा जीएसटी मुआवजा नहीं देने से गैर-भाजपा सरकारें काफी परेशान हैं और वे लगातार इस मुद्दे को उठा रही हैं।Posted By: Niteshडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस
Source: Dainik Jagran August 27, 2020 03:07 UTC