FACT CHECK: इंडिया गेट पर हैं 61 हजार मुस्लिम फ्रीडम फाइटर्स के नाम? - News Summed Up

FACT CHECK: इंडिया गेट पर हैं 61 हजार मुस्लिम फ्रीडम फाइटर्स के नाम?


दावाराजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट को लेकर एक दावा किया जा रहा है। इस दावे के मुताबिक, दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95 हजार 300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। इनमें से मुसलमान सबसे ज्यादा यानी 61 हजार 395 हैं, 8050 सिख हैं, 14 हजार 480 पिछड़े हैं 10 हजार 777 दलित हैं, 598 सवर्ण हैं और संघी एक भी नहीं है।टाइम्स फैक्ट चेक के एक पाठक राशिद हुसैन ने हमारे ईमेल आईडी Timesfactcheck@timesinternet.in पर इस वायरल मेसेज का स्क्रीनशॉट भेज सच जानना चाहा।इस मेसेज को हमने फेसबुक पर सर्च किया तो ‘AIMIM Maharashtra’ नाम के पेज पर भी यही पोस्ट मिला। हालांकि, यह वेरिफाइड पेज नहीं है और पोस्ट 11 फरवरी, 2019 का है।सच क्या है? इंडिया गेट वॉर मेमोरियल है जो ब्रिटिश सेना के उन 70,000 जवानों की याद में बनाया गया है। इन सैनिकों ने 1914 से 1919 तक चले पहले विश्व युद्ध और 1921 तक चले तीसरे अफगान युद्ध में शहादत दी थी।इंडिया गेट दिसंबर, 1917 में अस्तित्व में आए इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन के तहत बनाया गया था। यह कमीशन पहले विश्वयुद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के लिए वॉर ग्रेव्स और मेमोरियल्स बनाने के लिए गठित किया गया था। इसे 1960 के बाद से कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के तौर पर जाना जाने लगा।इंडिया गेट पर कुल 13 हजार 216 सैनिकों के नाम हैं, जिन्होंने नॉर्थवेस्ट फ्रंटियर और तीसरे अफगान युद्ध में जान गंवाई थी।इंडिया गेट का निर्माण 1921 में शुरू हो गया था और 10 साल बाद 2 फरवरी, 1931 को इसका उद्घाटन किया गया था। भारत को इसके 16 साल बाद 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी। मेमोरियल पर ‘स्वतंत्रता सेनानियों’ का नाम अंकित नहीं है।CWGC की वेबसाइट पर यह जानकारी भी उपलब्ध है कि इस धरोहर पर किनके नाम अंकित हैं। वेबसाइट के मुताबिक, इंडिया गेट पर 12 हजार 260 भारतीय सैनिक, 959 ब्रिटिश सैनिक और 1 ऑस्ट्रेलियाई सैनिक के नाम हैं।निष्कर्षटाइम्स फैक्ट चेक ने पाया है कि इंडिया गेट पर 61 हजार 395 मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों का नाम अंकित होने का दावा गलत है। इंडिया गेट पर ब्रिटिश काल के भारत के 13 हजार 216 सैनिकों के नाम हैं, जिन्होंने अपनी जान पहले विश्वयुद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में गंवाई थी।


Source: Navbharat Times July 01, 2019 10:42 UTC



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