Delhi Samachar: वकील काम पर लौटे और कोर्ट में रौनक - lawyers returned to work and rousing in court - News Summed Up

Delhi Samachar: वकील काम पर लौटे और कोर्ट में रौनक - lawyers returned to work and rousing in court


Prachi.Yadav@timesgroup.comनई दिल्ली : दिल्ली की जिला अदालतों में पिछले दो हफ्तों से पसरा सन्नाटा शनिवार को वकीलों की चहलकदमी बढ़ने से खत्म हो गया। 12 दिनों की हड़ताल के बाद काम पर लौटे वकीलों की मौजूदगी से अदालती कार्यवाहियों में भी गति दिखाई दी। इस दिन से अदालत परिसरों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने भी अपना काम फिर से संभाल लिया। वकील समुदाय ने अब अदालत परिसर में ऐसी कोशिशें शुरू करने का दावा किया है, जिनसे पुलिसवालों के साथ उनके रिश्तों में पिछले दिनों आई कड़वाहट कम हो सके।कोर्ट कॉम्प्लैक्स राउज एवेन्यू से लेकर यहां की सभी छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल खत्म होने के बाद का पहला दिन सामान्य रहा। इस दिन किसी भी कोर्ट परिसर से किसी तरह के विरोधी स्वर सुनाई नहीं दिए। वीकेंड और लंबी हड़ताल के बाद का पहला दिन होने के चलते ज्यादातर अदालतों में भीड़ सामान्य से कम मिली। हालांकि, साउथ डिस्ट्रिक्ट की साकेत कोर्ट में सामान्य से ज्यादा भीड़ होने का दावा किया गया। साकेत कोर्ट बार असोसिएशन के सेक्रेटरी धीर सिंह कसाना ने कहा, हमारे यहां तो एक्सट्रा भीड़ नजर आई। वकीलों का कहीं कोई विरोध नहीं दिखा। जिनके काम पेंडिंग थे या जिनके केस की तारीखें थीं। तीन जिलों की कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों के इस दिन शांति और अपनी पूरी स्ट्रेंथ के साथ काम पर लौटने का दावा किया गया। शाहदरा बार असोसिएशन के प्रेजिडेंट प्रमोद नागर ने कहा, 'हमारी चौकी में 118 पुलिसकर्मी हैं, जो पहले भी सादी वर्दी में हमारे साथ ही रहते थे। हम मिलकर चाय पीते और उठते-बैठते थे। सोमवार से स्थिति और बेहतर हो जाएगी।' शांति बहाली के साथ ज्यादातर वकील नेताओं ने एक मांग फिर से दोहराई कि उन्हें एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट चाहिए। साथ ही दावा किया कि अब वे पुलिसवालों के साथ अपने रिश्ते की मधुरता वापस लाने के उपायों पर गौर कर रहे हैं। एडवोकेट राकेश चाहर ने कहा, 'अब हमारी कोशिश उस कड़वाहट को कम करने की है, जो पिछले दिनों की घटना की वजह से वकीलों और पुलिसवालों के बीच पैदा हो गई।' रोहिणी कोर्ट बार असोसिएशन के सेक्रेटरी चाहर ने यह भी दावा किया कि वकीलों का विरोध प्रदर्शन, दो संस्थानों (पुलिस और वकील) के बीच की लड़ाई नहीं थी, हमारी लड़ाई तो सिर्फ उन दो पुलिसवालों के खिलाफ थी, जिन्होंने निहत्थे वकीलों पर गोली चलाई। वकील संगठनों की कोऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि अब 20 नवंबर को वकीलों का संसद तक मार्च नहीं होगा। हालांकि, उसकी घोषणा से जुड़े होर्डिंग्स अभी भी कई अदालत परिसरों में लटके नजर आ सकते हैं।


Source: Navbharat Times November 17, 2019 02:26 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...