दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के भी कई शहरों में मई महीने में 31 में से 21 दिन हवा खराब रही जबकि नौ दिन मध्यम श्रेणी में रही। यह जानकर हैरान होंगे कि पूरे मई महीने में सिर्फ एक ही दिन दिल्लीवासियों को खुलकर सांस लेने का मौका मिला।नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण के लिहाज से इस बार मई का महीना पांच सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रहा है। पूरे माह में केवल एक ही दिन दिल्ली वासियों को साफ हवा में सांस लेने का मौका मिला। विशेषज्ञों ने वर्षा का नहीं होना व बीच बीच में धूल भरी आंधी आना प्रदूषण के पीछे बड़ी वजह बताई है।गौरतलब है कि मई में अच्छी गर्मी होती है। गर्म हवा से प्रदूषण घटने लगता है। बीच बीच में होने वाली वर्षा भी वातावरण में जमे प्रदूषक तत्वों को हटा देती है। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग ही रही और जिसका असर दिल्ली के वायु प्रदूषण पर भी साफ नजर आया।जानकारी के मुताबिक इस बार मई के 31 में से 21 दिन प्रदूषित हवा वाले रहे हैं। 21 दिन खराब श्रेणी वाले, नौ दिन मध्यम जबकि एक दिन संतोषजनक श्रेणी वाला रहा। पांच सालों में मई माह के प्रदूषण पर निगाह दौड़ाएं तो 2018 और 2019 के मुकाबले 2020 व 2021 कहीं ज्यादा साफ रहा। 2020 का मई तो सबसे बेहतर रहा था।देशव्यापी लाकडाउन के कारण 31 में से 25 दिन मध्यम, चार दिन संतोषजनक और केवल दो दिन खराब श्रेणी की हवा वाले रहे थे। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार मार्च-अप्रैल के बाद मई में भी पहले पखवाड़े में एक बार भी ठीकठाक वर्षा नहीं हुई। दूसरी तरफ उत्तर पश्चिमी भारत की धूल कई बार आंधी के साथ यहां आई। सूखे और धूल के कारण ही मई के ज्यादातर दिन वायु गुणवत्ता बिगड़ी रही।डा. डी साहा (सदस्य, विशेषज्ञ समिति, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय) का कहना है कि पिछले दो ढाई माह की तरह मई में भी पहला पखवाड़ा बिल्कुल वर्षा नहीं हुई। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ आने शुरू भी हुए तो धूल भरी आंधी का दौर भी साथ ही चल पड़ा। इसीलिए माह के ज्यादातर दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई।
Source: Dainik Jagran June 01, 2022 13:11 UTC