Delhi News: दुकान जा रहा था बच्चा, रास्ते में रोका फिर जेब में रख दिया जलता हुआ पटाखा और फिर... - News Summed Up

Delhi News: दुकान जा रहा था बच्चा, रास्ते में रोका फिर जेब में रख दिया जलता हुआ पटाखा और फिर...


घायल को एलबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी। घायल की शिकायत पर मयूर विहार थाना ने प्राथमिकी कर ली है।जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के चिल्ला गांव में बृहस्पतिवार देर शाम दो अज्ञात युवकों ने 11 वर्षीय बच्चे की पैंट की जेब में पटाखा फोड़ दिया। पटाखे से बच्चा घायल हो गया।बच्चा अपने परिवार के साथ चिल्ला गांव में रहता है। वह एक स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ाई करता है। पुलिस को दिए गई शिकायत में परिवार ने बताया कि बच्चा गुरुवार शाम को पास की दुकान से कैंडी लेने के लिए जा रहा था।शुक्रवार को पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो बच्चे की बताई हुई जगह पर युवक दिखाई नहीं दिए।पुलिस ने बच्चे की शिकायत पर प्राथमिकी की। पुलिस ने जांच शुरू की और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। उसमें कोई भी संदिग्ध युवक व बच्चा नजर नहीं आ रहा है। बच्चे के अभिभावकों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।दो अज्ञात युवकों ने उसे रोका और उसकी जेब में 50 रुपये, नींबू व एक पटाखा जलाकर रख दिया। पटाखा फूटने से बच्चे का पैर जख्मी हो गया। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गए।विद्यार्थियों को पटाखों के उपयोग न करने को लेकर किया जाएगा जागरुकशिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए शीतकालीन कार्ययोजना 2024 तैयार की है। ताकि हर बार की तरह इस बार भी विद्यार्थियों को स्मॉग की समस्या से परेशान न होना पड़े।निदेशालय ने कहा कि प्रधानाचार्य विद्यार्थियों को प्रदूषण से निपटने के लिए अभी से जागरुक करें। उन्हें बताएं कि धूल नियंत्रण के लिए विद्यालय के खुले क्षेत्र में पानी का छिड़काव करें।इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने कहा कि दशहरा और दिपावली आ रही है लेकिन दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए पटाखों के उपयोग से बचें।जरूरत न हो तो बिजली के उपकरणों को भी बंद कर दें, इससे बिजली की बचत होगी। वहीं, रसायन युक्त उत्पादों के उपयोग से बचें।ऐसे किए जाएंगे जागरुककार्बन आधारित ईंधन यानि कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस का उपयोग कम करें। इसके साथ ही निर्माण कार्य के दौरान धूल से बचें। पूरे विद्यालय में उचित कुशल वेंटिलेशन सिस्टम स्थापित करें ताकि हवा शुद्ध और स्वच्छ रहे।वहीं, जहरीले रसायनों न मेडिकल कचरे का उचित तरीके से निपटान करें। नाली में वसा और तेल न डालें और स्वच्छ और हरित वातावरण को बढ़ावा दें।निदेशालय ने स्कूलों को इस संबंध में पटाखों पर प्रतिबंध, वायु प्रदूषण व धूल नियंत्रण पर जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है। अभियान के तहत स्कूलों में क्वीज, पेंटिंग, निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग की प्रतियोगिता कराई जा सकती है।


Source: Dainik Jagran October 12, 2024 11:23 UTC



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