DDLJ 25 Years: पहली बार शाह रुख़ ख़ान ने इसलिए ठुकरा दी थी फ़िल्म... जानें फ़िल्म से जुड़े रोचक किस्सेDilwale Dulhania Le Jayenge दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में राज बने शाह रुख़ ख़ान सिमरन के किरदार में काजोल और बाबूजी के रोल में अमरीश पुरी आज तक यादों में उसी तरह रचे-बसे हैं जैसे अपनी ही किसी जानने वाले की कहानी हो।नई दिल्ली, जेएनएन। Dilwale Dulhania Le Jayenge: हिंदी सिनेमा में प्रेम कहानियों का लंबा इतिहास रहा है। मुग़ले-आज़म, देवदास और मैंने प्यार किया जैसी फ़िल्मों ने सिनेमा के अलग-अलग दौर में मोहब्बत की ऐतिहासिक दास्तां पर्दे पर लिखी है, मगर दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में राज और सिमरन ने मोहब्बत की जो कहानी लिखी, उसका असर कभी मराठा मंदिर में 1000 हफ़्ते तक चलने वाले शो, तो कभी अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषणों में ज़िक्र के रूप में दिखता रहा है।...और अब, मोहब्बत की इस सुपर हिट कहानी के नायक-नायिका को एक मूर्ति की सूरत में ढालकर लंदन के मशहूर लीसेस्टर स्क्वायर चौराहे पर हमेशा के लिए अमर कर दिया जाएगा। किसी हिंदी फ़िल्म के लिए ऐसा पहली बार होगा। पिछली सदी के आख़िरी दशक के मध्य में आयी दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के सफ़र की सिल्वर जुबली मनाने का इससे बेहतर तरीक़ा और क्या हो सकता है। आख़िर लंदन भी तो इस प्रेम कहानी का एक किरदार रहा है।20 अक्टूबर 1995 को रिलीज़ हुई दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में राज बने शाह रुख़ ख़ान, सिमरन के किरदार में काजोल और बाबूजी के रोल में अमरीश पुरी आज तक यादों में उसी तरह रचे-बसे हैं, जैसे अपनी ही किसी जानने वाले की कहानी हो। फ़िल्म की कास्टिंग की कहानी भी उतनी ही रोचक है, जितनी राज और सिमरन की लव स्टोरी।आदित्य चोपड़ा की डेब्यू फ़िल्म के लिए टॉम क्रूज़ थे पहली पसंदहिंदी सिनेमा को रोमांस और रिश्तों के एक अलग स्तर पर ले जाने वाले निर्देशक यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा अपनी डेब्यू फ़िल्म में हॉलीवुड सुपर स्टार टॉम क्रूज़ को मुख्य भूमिका में लेना चाहते थे। आदित्य का इरादा एक इंटरनेशनल लव स्टोरी बनाने का था, मगर पिता तैयार नहीं हुए, जो एक अप्रवासी भारतीय की प्रेम कहानी को पर्दे पर पेश करने के पक्ष में थे।आख़िर, पिता का अनुभव आदित्य के जोश के सामने बड़ा साबित हुआ और देसी हीरो की खोज शुरू हुई। यश जी के निर्देशन में डर में काम कर चुके शाह रुख़ ख़ान को एप्रोच किया गया, मगर नेगेटिव रोल्स निभाकर सफलता का स्वाद चख चुके शाह रुख़ तब तक किंग ऑफ़ रोमांस बनने के लिए तैयार नहीं थे।कहानी, सैफ़ अली ख़ान से होते हुए आमिर ख़ान के पास गयी, मगर दोनों ने निजी कारणों से इसे ठुकरा दिया। आख़िरकार, आदित्य चोपड़ा शाह रुख़ को मना लिया और इस तरह किंग ख़ान को वो रोल मिला, जिसने रोमांस के रास्ते पर उनके सफ़र को ज़ोरदार धक्का दिया। सिमरन के लिए काजोल पहली पसंद थीं और उन्होंने हां करने में देर भी नहीं लगायी।परमीत सेठी को ऐसे मिला था कुलजीत सिंह का किरदारइस फिल्म की रिलीज के 25 साल पूरे पर उससे जुड़ी स्मृतियां साझा करते हुए परमीत बताते हैं, ‘आदित्य चोपड़ा ने मुझे पहली बार उनके घर पर आयोजित एक पार्टी में देखा था। वहां उन्होंने मेरी दोस्त किरण खेर से कहा कि मुझे फिल्म के लिए परमीत जैसा लड़का चाहिए। किरण ने जब मुझे बताया तो मैंने पूछा परमीत जैसा क्यों, परमीत क्यों नहीं। इसके बाद आदित्य से मेरी मुलाकात हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी। मैंने दोबारा आदित्य को फोन किया और उनसे सिर्फ एक बार मेरा स्क्रीन टेस्ट लेने का निवेदन किया। स्क्रीन टेस्ट हुआ तब कुलजीत का किरदार मिला।’मम्मी पामेला चोपड़ा ने भी गुनगुनाया था एक गीतआनंद बख्शी के गीतों को जतिन ललित ने ऐसे सुरों मे ढाला कि 25 साल बाद भी फ़िल्म के गाने मोहब्बत करने वालों का एंथम बने हुए हैं। वैसे तो फ़िल्म के सारे गानों को लता मंगेशकर, आशा भोसले, कुमार शानू, उदित नारायण और अभिजीत भट्टाचार्य की आवाज़ों ने सजाया है, मगर एक गीत 'घर आजा परदेसी' को आदित्य चोपड़ा की मॉम पामेला चोपड़ा और मनप्रीत कौर ने आवाज़ दी।मराठा मंदिर में 1000 हफ़्ते चलने का रिकॉर्डसिनेमाघरों में हिंदी सिनेमा में शोले और मुग़ले-आज़म जैसी फ़िल्मों के रिकॉर्ड तोड़ने वाली दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे मुंबई के मराठा मंदिर में लॉकडाउन से पहले तक चलती रही। फ़िल्म ने दिसम्बर 2014 में 1000 हफ़्ते पूरे करने का रिकॉर्ड कायम कर लिया था। 2018 में 1200 वीक पूरे होने पर शाह रुख़ ने लिखा था- 23 पहले जो स्पेशल जर्नी शुरू हुई थी, आज भी जारी है। आपके प्यार ने राज और सिमरन की प्रेम कहानी को 1200 हफ़्तों से बिना रुके बड़े पर्दे पर ज़िंदा रखा है।दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे सिर्फ़ 4 करोड़ की लागत से बनी थी, जबकि इसने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर 89 करोड़ और विदेशों में 13.50 करोड़ की कमाई की थी। दुनियाभर में फ़िल्म ने 102.50 करोड़ जमा किये थे। अगर आज की मुद्रा मूल्य से इसे एडजस्ट किया जाए तो घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर 455 करोड़ और ओवरसीज़ में 69 करोड़ होता है।बेस्ट एंटरटेनर के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कारदिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को 10 फ़िल्मफेयर अवार्ड्स मिले। Best Popular Film Providing Wholesome Entertainment के लिए फ़िल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। डीडीएलजे को ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट की सूची में 11वे नंबर पर रखा गया है। मदर इंडिया और शोले के बाद रैंकिंग सूची मे इसका नंबर आता है।अमेरिकी राष्ट्रपतियों की फेवरिट फ़िल्मडीडीएलजे की देश-विदेश में लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लग जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत की जनता से वैचारिक गठजोड़ के लिए अपने भाषणों में इसका इस्तेमाल करते रहे हैं। इसी साल फरवरी में जब डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर आये तो उन्होंने अपने भाषण में बॉलीवुड का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा, 'भारत हर साल 2 हज़ार फ़िल्में प्रोड्यूस करता है और यह क्रिएटिविटी दुनिया में बॉलीवुड के नाम से जानी जाती है।' इसके बाद उन्होंने दिलवाले द
Source: Dainik Jagran October 19, 2020 07:58 UTC