Cricket News: 59 ओवर का स्पेल, डेब्यू मैच में 16 विकेट, इस भारतीय गेंदबाज का 36 साल बाद कायम है कीर्तिमान - News Summed Up

Cricket News: 59 ओवर का स्पेल, डेब्यू मैच में 16 विकेट, इस भारतीय गेंदबाज का 36 साल बाद कायम है कीर्तिमान


खेल डेस्क, नई दिल्ली। Narendra Hirwani Cricket Records: नरेंद्र हिरवानी मध्य प्रदेश को अपनी कर्मभूमि मानते हैं। पंद्रह वर्ष की उम्र में गोरखपुर से इंदौर आने के बाद हमेशा यहीं रहने का फैसला ले लिया। नरेन्द्र हिरवाणी की ससुराल भोपाल में है। मूलत: गोरखपुर, उत्तरप्रदेश के निवासी नरेन्द्र हिरवाणी के पिता का ईंटों का कारोबार रहा है। हिरवाणी परिवार के अनेक सदस्य अभी भी गोरखपुर में रहते हैं। नरेंद्र हिरवाणी ने कठोर परिश्रम को सफलता का मंत्र बनाया।पंद्रह-सोलह घंटे लगातार खेल अभ्यास करने वाले नरेंद्र अभी भी अपने शिष्यों को गेंदबाजी सिखाते हैं। उनका मानना है कि लगातार अभ्यास का कोई विकल्प नहीं है। अपनी मेहनत ही हमें कामयाबी दिलवाती है। करीब नौ वर्ष के टेस्ट और वन डे के करियर के साथ ही गत चालीस वर्ष से मध्य प्रदेश की रणजी टीम और घरेलू क्रिकेट के लिए लगातार योगदान देते हुए अपनी पहचान बनाई है। नरेंद्र सफलताओं का श्रेय अपने क्रिकेट गुरू संजय जगदाले को देते हैं।क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें सबसे अधिक अनिश्चित्ता होती है। कई बार विपरीत परिस्थितियों में भी एक खिलाड़ी के खूबसूरत प्रदर्शन से बाजी पलट जाती है। वर्ष 1988 में चार टेस्ट मैच की सीरीज में भारत वेस्टइंडीज से पिछड़ गया था। चेन्नई टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और जीत प्राप्त की।डेब्यू मैच में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्डडेब्यू मैच में 16 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड। यह आज 36 वर्ष बाद भी कायम है। उन्होंने 136 रन देकर दो परियों में सोलह विकेट गिराए थे। अपने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू की दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेने वाले इंडिया के फर्स्ट बालर थे। कुल 136 रन देकर 16 विकेट लेने का रिकार्ड तो बनाया ही, यह रिकॉर्ड रनों की किफायत की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।इसके पहले बॉब मेसी ने 1972 में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से डब्यू टेस्ट मैच में 16 विकेट अपने नाम किए थे। उन्होंने कुल 137 रन खर्च कर ये विकेट चटकाए थे। इस तरह भारतीय स्पिनर नरेंद्र ने एक वर्ल्ड रिकार्ड की बराबरी कर एक रन की किफायत करते हुए नया वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। ये आज भी कायम है।फर्स्ट क्लास डेब्यू में 5 विकेट लेने का रिकार्डफर्स्ट क्लास डेब्यू पर भी पांच विकेट लेने का रिकार्ड बनाया। इसके साथ ही श्री नरेन्द्र हिरवाणी ने एक कोच के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को भी स्पिन गेंदबाजी सिखाई है। वे नेपाल सहित यूरोपियन देशों के खिलाड़ियों को गेंदबाजी के गुर सिखाते रहे हैं।लगातार तीन मैचों में चार-चार विकेट लिएनरेंद्र हिरवाणी पहले भारतीय गेंदबाज थे, जिन्होंने लगातार तीन वन डे मैच में चार-चार विकेट लिए हैं। वर्ष 1988 में शारजाह में न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 मार्च को हुए मैच में 43 रन देकर चार विकेट, एक अप्रैल को न्यूजीलैंड के खिलाफ ही हुए मैच में 46 रन देकर चार विकेट और 16 अक्टूबर को वेस्ट इंडीज के खिलाफ वन डे मैच में 50 रन देकर चार विकेट झटके थे। ऐसा ही कारनामा भारत के लिए वर्ष 2019 और वर्ष 2023 में मोहम्मद शमी ने भी कर दिखाया, जब लगातार तीन वन डे में चार या इससे अधिक विकेट लेने की उपलब्धि प्राप्त की।बिना ब्रेक लिए 59 ओवरभारत के ऐसे पहले गेंदबाज जिन्होंने बिना ब्रेक लिए फेंके 59 ओवर। वर्ष 1990 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में यह संभव हुआ था। ये भी एक वर्ल्ड रिकार्ड है। बहुत कम आयु बीस वर्ष में ये करिश्मा कर दिखाया। उन्होंने भारत के लिए 17 टेस्ट मैचों की 28 पारियों में कुल 66 विकेट लिए। जबकि 18 वन डे मैच में भी 23 विकेट झटके हैं। उन्होंने कुल 167 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में कुल 732 विकेट लिए हैं। विवियन रिचर्ड, ब्रायन लारा और रिची रिचर्डसन जैसे धाकड़ बल्लेबाज को आउट करने वाले बॉलर रहे हैं।टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ 61 रन देकर 8 विकेट, वनडे में 43 रन देकर चार विकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 52 रन देकर आठ विकेट है। जहां तक बल्लेबाजी की बात है टेस्ट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 17 और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 59 है। इस तरह उन्होंने एक अर्धशतक भी बनाया है। कुल 48 कैच भी उनके नाम हैं।रणजी सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन रहेरणजी में नरेंद्र ने मध्यप्रदेश के लिए 400 से ज्यादा और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 750 विकेट चटकाए। वे रणजी के सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रहे। घरेलू क्रिकेट में नरेंद्र मध्यप्रदेश के साथ बंगाल के लिए भी वे खेले। वर्ष 1984 से 2006 तक कुल 22 साल वे मध्यप्रदेश की टीम के लिए और वर्ष 1996 एवं 1997 में दो साल पश्चिम बंगाल के लिए खेले। वर्ष 2006 में नरेंद्र हिरवाणी ने 23 साल के प्रथम श्रेणी केरियर का समापन किया। उन्हें वर्ष 2008 में राष्ट्रीय चयन पैनल में शामिल किया गया।


Source: Dainik Jagran July 17, 2024 05:09 UTC



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