जिंदगी देने वाला मरने के लिए छोड़ने पर मजबूर! धरती के ये भगवान खुद की जान खतरे में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अपना फर्ज निभाते हुए कई डॉक्टरों की जान भी जा चुकी है। बिना थके, बिना रुके काम कर रहे हैं ताकि जिंदगियां बचाईं जा सकें। लेकिन अगर आज उन्हें यह फैसला करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि कौन जिंदा रहेगा और किसे मरने के लिए छोड़ना होगा तो हालात की भयावहता का अंदाजा लगा सकते हैं।डॉक्टर रोहन का दर्द...मौत पर भी फैसला लेने को मजबूर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में 26 साल के डॉक्टर रोहन अग्रवाल का दर्द छलक गया। उन्होंने कहा, 'किसे बचाया जाना चाहिए और किसी नहीं, इसका फैसला तो भगवान को करना चाहिए। हम इसके लिए नहीं बने हैं- हम तो सिर्फ इंसान हैं। लेकिन आज ऐसा वक्त है कि हमें ऐसे फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।'उम्रदराज शख्स भी किसी का पिता होगा, किसी के लिए दुनिया होगा लेकिन... डॉक्टर रोहन अग्रवाल कोरोना त्रासदी का एक अलग ही मार्मिक पहलू बता रहे हैं। वह कहते हैं, 'मान लाजिए एक उम्रदराज शख्स है और एक युवा। दोनों को हाई फ्लो ऑक्सिजन की जरूरत है लेकिन मेरे पास आईसीयू में सिर्फ एक ही बेड है। लेकिन उस वक्त हम यह सोचकर इमोशनल नहीं हो सकते कि वह भी किसी का पिता है। हमें युवा को बचाना होगा।' ऑक्सिजन का संकट है, आईसीयू बेड की किल्लत है। आज अस्पतालों का आलम यह है कि हर दिन डॉक्टरों को न चाहते हुए भी ऐसे ही मुश्किल हालात में जिंदगी और मौत का फैसला करना पड़ता है।'हर कोई दौड़ रहा अस्पताल लेकिन सबको भर्ती नहीं कर सकते' डॉक्टर रोहन कहते हैं, 'अगर एक मरीज को बुखार है तो हमें पता है वह बीमार है लेकिन उसे अगर ऑक्सिजन की जरूरत नहीं है तो मैं उन्हें ऐडमिट नहीं कर सकता। यही पैमाना है। लोग ऑक्सिजन के बिना सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं। इसलिए जिन लोगों को ऑक्सिजन की जरूरत नहीं है तो भले ही वे बीमार हों, हम उन्हें आम तौर पर भर्ती नहीं करते।''खुद बीमार पड़ गया तो अपने ही अस्पताल में नहीं मिलेगा बेड' दिन-रात कोरोना मरीजों की इलाज में डटे डॉक्टरों को भी हर पल यह डर लगता है कि कहीं वे संक्रमित न हो जाएं। डॉक्टर रोहन अग्रवाल कहते हैं, 'डर लगता है कि कहीं खुद संक्रमित न हो जाऊं। यह भी जानता हूं कि अगर ऐसा हुआ तो मेरे ही अस्पताल में मेरे लिए शायद बेड न मिले।' डॉक्टर अग्रवाल को अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है। जनवरी में जब डॉक्टरों समेत हेल्थकेयर वर्करों को वैक्सीन लगने की शुरुआत हुई तब वह बीमार थे। उबरने में वक्त लगा।
Source: Navbharat Times May 05, 2021 12:44 UTC