इस साल पहली बार डिस्काउंट पर बिक रहा है सोना 21 अप्रैल को सोने ने अपना करीब 2 महीने का उच्चतम स्तर छुआ था और 48,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा पहुंचा। हालांकि, अभी सोना करीब अपने 2 महीने के उच्चतम स्तर से भी 1600 रुपये के करीब सस्ता (Gold Price Fall) हो चुका है। अगर बात सर्राफा बाजार की करें तो सोना डिस्काउंट पर मिल रहा है। इस साल ऐसा पहली बार हो रहा है कि सोना डिस्काउंट पर बिक रहा है।कितना मिल रहा है सोने पर डिस्काउंट? मौजूदा समय में सर्राफा बाजार में सोने पर 2 डॉलर प्रति औंस के हिसाब से डिस्काउंट दिया जा रहा है। यानी कि प्रति 10 ग्राम पर करीब 25 रुपये का डिस्काउंट। वैसे तो ये डिस्काउंट बहुत ही कम है, लेकिन सोने की सेल बढ़ाने के लिए रिटेलर्स की तरफ से डिस्काउंट का सहारा लेना दिखाता है कि सर्राफा बाजार में सोने की मांग कम है। पिछले हफ्ते यही सोना 2 डॉलर प्रति औंस तक के प्रीमियम पर बिक रहा था। सोने पर डिस्काउंट दिए जाने की सबसे बड़ी वजह है तमाम राज्य सरकारों की तरफ से की गई सख्ती, कई जगह तो लॉकडाउन भी है, जिससे बिक्री पर बहुत बड़ा असर पड़ा है।ऑल टाइम हाई से करीब 9000 रुपये है सस्ता कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच सोना और चांदी दोनों की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है। अभी सोना 46,921 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुका है। वहीं अगर बात चांदी की करें तो उसकी कीमत 68,423 रुपये प्रति किलो के करीब हो गई है। देखा जाए तो सोना ऑल टाइम हाई से करीब 9000 रुपये सस्ता हो चुका है। अगस्त में सोने ने करीब 56,200 रुपये का ऑल टाइम हाई (Gold price all time high) लेवल छुआ था।निवेश करें या रुकें? सोने की कीमतें आने वाले दिनों में बढ़ने ही वाली हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कोरोना वायरस, जिसके मामले हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहे हैं। बुधवार को भी रेकॉर्ड 3,79,257 नए कोविड मरीज पाए गए। महज 5 दिन में ही एक्टिव मामलों की संख्या करीब 5 लाख बढ़ चुकी है। दिल्ली में तो लॉकडाउन लगा हुआ है। बाकी राज्य भी नाइट कर्फ्यू समेत तमाम सख्ती के उपाय कर रहे हैं, जिसका असर इकनॉमिक एक्टिविटीज पर पड़ रहा है। ऐसे समय में लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढते हैं और सोना सबसे सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में आने वाले वक्त में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं किन वजहों से सोना महंगा हो सकता है।तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामले कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बहुत सारे राज्यों में कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन भी पाया गया है। सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इन सबको देखते हुए भारत ने वैक्सीन के निर्यात पर भी रोक लगा दी है। अब जब कोरोना महामारी का खतरा एक बार फिर से बढ़ रहा है तो मुमकिन है कि लोग सुरक्षित निवेश की ओर भागें और सोने में निवेश करना शुरू कर दें। पिछले साल अगस्त में इसी वजह से सोने ने 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई छुआ था। अगर फिर से लोग सोने में निवेश करना शुरू करते हैं तो इसके दाम को बढ़ेंगे ही, साथ ही शेयर बाजार में फिर से तगड़ी गिरावट का रुख देखने को मिल सकता है।फिर से लॉकडाउन का लगना बहुत सारे देशों में आंशिक लॉकडाउन लगाया जाने लगा है। दिल्ली में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है। कुछ राज्यों में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया है। लोगों की भीड़ जमा होने से रोकने के लिए कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई है। अगर कोरोना वायरस के फैलने की दर धीमी नहीं होती है तो सख्ती और बढ़ानी पड़ सकती है। ऐसे में फिर से लॉकडाउन की आशंका भी जताई जा रही है। फ्रांस, पोलैंड और यूक्रेन में कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए भी हैं। ऐसा होने पर लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढेंगे और सोने का रुख करेंगे।कम ब्याज दरें मौजूदा समय में जमा पर मिलने वाले ब्याज की दरें काफी कम हैं और आने वाले समय में इसके और कम होने की आशंका जताई जा रही है। कम ब्याज दरें होने से लोन लेने वालों की संख्या तो बढ़ेगी, लेकिन जमाकर्ताओं को नुकसान होगा। इस स्थिति में वह अपने पैसे सोने में निवेश कर सकते हैं। वैसे भी सोना और ब्याज दर एक दूरे की उल्टी दिशा में चलते हैं। इस वजह से सोने की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।कम कीमत की वजह से फिजिकल गोल्ड के बढ़ सकते हैं दाम सोने की कीमतें अपने ऑल टाइम हाई से काफी तेजी से गिरी हैं। मौजूदा समय में फिजिकल गोल्ड की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे उसके दामों में भी तेजी के आसार बन रहे हैं। शादी-ब्याह का सीजन भी आने वाला है, जिसके चलते भी लोग सोने के गहने खरीदने की योजना बना रहे हैं। जैसे-जैसे लोगों का रुझान सोने के लिए बढ़ता जाएगी, इसका सीधा असर सोने के दामों पर पड़ेगा, जो बढ़ेंगे। इन संकेतों से लग रहा है कि एक बार फिर सोना महंगा हो सकता है।पिछले सालों में सोने ने दिया कितना रिटर्न? अगर बात सोने की करें तो पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। पिछले सालों में सोने से मिला रिटर्न आपके सामने है, जो दिखाता है कि निवेश करने से फायदा ही है।मार्च में सोने का जमकर हुआ आयात रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने मंगलवार को कहा कि शुल्क कम कर 7.5 प्रतिशत करने, बहुमूल्य धातु की कीमत में कमी और निर्यात बाजारों की मांग बढ़ने से मार्च में सोने का आयात बढ़कर 160 टन हो गया। यानी पहली वजह रही आयात शुल्क घटना, दूसरी वजह रही सोने के दाम कम होना और तीसरी वजह है निर्यात बाजारों की मांग। इन सबने मिलकर सोने का आयात बढ़ाया है। जीजेईपीसी के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 के दौरान मार्च में सोने का आयात 28.09 टन हुआ था। जीजेईपीसी ने कहा कि सोने के आयात में वृद्धि मुख्य रूप से लॉकडाऊन
Source: Navbharat Times May 03, 2021 04:41 UTC