सबसे पहले जानते हैं इससे स्वास्थ्य को फायदे मशरूम से स्वास्थ्य को एक नहीं, बल्कि अनेक फायदे होते हैं। इसकी सब्जी तो जायकेदार होती ही है, साथ ही पाचनशील और तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होती है। मशरूम में प्रोटीन, खनिज-लवण समेत विटामिन बी, सी और डी भी पाया जाता है। इसमें फॉलिक एसिड भी होता है, जो शरीर में खून बनाने में मदद करता है। साथ ही इसके सेवन से ब्लड प्रेशर और दिल संबंधी तमाम बीमारियों में भी फायदा होता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मशरूम की इतनी मांग क्यों है।कैसे उगाया जाता है मशरूम? सबसे अधिक बटन मशरूम की मांग है जो गोल सा होता है। इसकी खेती के सबसे सही समह होता है अक्टूबर से मार्च का, यानी ठंडक वाला समय। मशरूम उगाने के लिए सबसे पहले गेहूं या चावल के भूसे को कुछ तरह के रसायन के साथ मिलाकर कंपोस्ट खाद तैयार की जाती है। ये कंपोस्ट खाद तैयार होने में करीब महीने भर का समय लग जाता है। उसके बाद किसी तख्त जैसी समतल जगह पर इसकी 6-8 इंच मोटी परत बिछाई जाती है, जिस पर मशरूम के बीज लगाए जाते हैं, जिसे स्पॉनिंग भी कहते हैं। इन बीजों को भी कंपोस्ट से ही ढक दिया जाता है। करीब 40-50 दिन में आपका मशरूम काटकर बेचने लायक हो जाएगा। हर रोज काफी मात्रा में मशरूम मिलते रहेंगे। आप चाहें तो एक के उपर एक तख्त रखकर इसकी वर्टिकल फार्मिंग कर सकते हैं, जिससे कम जगह में अधिक उत्पादन का फायदा मिलेगा। इसमें एक ध्यान देने वाली बात ये भी होती है कि इसकी खेती खुले में नहीं होती है, बल्कि शेड वाले एरिया में होती है।कितनी लागत और कितना मुनाफा मशरूम की खेती में आपको लागत का 8-10 गुना तक मुनाफा मिल सकता है। यानी आप 1 लाख लगाकर 8-10 लाख रुपये कमा सकते हैं। आपका ये फायदा और भी अधिक हो सकता है अगर आप सीधे बड़े होटलों, रेस्टोरेंट या सीधे ग्राहकों को बेचते हैं। ऐसे में थोक व्यापारी जो मार्जिन लेता है, वह भी आपके हिस्से में ही आएगा। प्रति किलो मशरूम पर करीब 25-30 रुपये का खर्च आता है, जबकि यही मशरूम बाजार में 250 से 300 रुपये किलो बिकते हैं। अगर आप सीधे बड़े होटलों या रेस्टोरेंट को उनकी पसंद के हिसाब से मशरूम की सप्लाई करते हैं तो वहां से आपको इनकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक भी मिल सकती है।मशरूम की खेती में ध्यान रखनी होंगी ये बातें बहुत से किसान मशरूम की खेती नहीं करते हैं, क्योंकि इसमें बहुत अधिक देखभाल और सतर्क रहने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं इसमें किन-किन चीजों का ध्यान रखा जाता है।सबसे जरूरी होता है तापमान, जो 15-22 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच होना चाहिए। अगर तापमान अधिक होगा तो खेती नहीं हो पाएगी।इसकी खेती के लिए नमी 80-90 फीसदी होनी चाहिए।मशरूम की खेती के लिए अच्छा कंपोस्ट होना चाहिए, जिसे बनाने में करीब महीने भर तक मेहनत करनी होती है।इस खेती के लिए ज्यादा पुराने बीज ना लें, वरना उसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है।मशरूम को तोड़ते वक्त भी ध्यान से तोड़ना चाहिए ताकि बाकी को नुकसान ना हो।मशरूम तोड़ने के बाद उसे जल्द से जल्द बाजार ले जाएं और बेचें, ताकि ताजा मशरूम की आपको अच्छी कीमत मिले।
Source: Navbharat Times July 20, 2021 10:46 UTC