ईस्टर के मौके पर श्री लंका को 8 सीरियल धमाकों ने दहला दिया। इसमें अबतक 158 लोगों के मारे जाने की बात सामने आ रही है वहीं 300 के करीब लोग घायल हैं। धमाके के बाद का मंजर कितना भयानक था इसे एक चर्च के पहले और बाद की तस्वीर से समझा जा सकता है। चर्च की यह तस्वीर इसी महीने की है।श्री लंका के 3 चर्च और 3 होटलों में धमाके हुए हैं। यह तस्वीर वहां के निमोंबो शहर के सेबेस्टियन चर्च की है। इसके अलावा कोलंबो में सैंट एंटनी चर्च में भी ब्लास्ट हुआ था।स्थानीय समय के मुताबिक, ब्लास्ट सुबह 8.45 पर हुए थे। तब लोग ईस्टर की प्रार्थना के लिए चर्च में एकत्रित हुए थे।ब्लास्ट के बाद रोती-बिलखती महिलाओं की तस्वीर। चर्चों के अलावा जिन होटलों को निशाना बनाया गया है, उनमें द शांगरीला, द सिनामॉन ग्रैंड और द किग्सबरी शामिल हैं।कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च की तस्वीर। मारे गए लोगों की बॉडीज को सुरक्षा बलों ने कपड़ों से ढक दिया था।श्री लंका के एक हॉस्पिटल की तस्वीर। धमाके में घायल लोगों के परिवारवाले अपने परिजनों का इंतजार करते हुए। (रॉयटर्स)श्री लंका के हॉस्पिटल्स में भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग अपने रिश्तेदारों को देखने के लिए आतुर हैं। ऐसे में सरकार ने लोगों से ज्यादा भीड़ नहीं लगाने की गुजारिश की है।श्री लंका में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी अबतक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।ईस्टर के दिन श्रीलंका के चर्चों में प्रार्थना कर रहे लोगों को इस बात की बिल्कुल भनक नहीं होगी कि कुछ ही देर में वे बड़े हमले का शिकार होनेवाले हैं। इस हमले में अबतक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं सैंकड़ों घायल हैं। आतंकी संगठन लिट्टे के खात्मे के बाद पहली बार श्रीलंका में इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले से पहले दक्षिण एशिया के विभिन्न देश अन्य आतंकी हमलों का भी शिकार हुए हैं।बात उन दिनों की है जब श्रीलंका में प्रभाकरन का संगठन लिट्टे मजबूत था। कहा जाता है कि यह अकेला ऐसा आतंकी संगठन का जिसके पास अपनी जल, वायु और हवाई 'सेना' थी। इस संगठन ने श्रीलंका के पोलानवार्वा जिले में मुसलमानों के गांव पर हमला किया था। 200-300 लिट्टे के सदस्यों द्वारा किए गए इस हमले में 172 लोगों की जान ले ली गई थी, जिसमें से 171 मुसलमान ही थे।पढ़ें: श्रीलंका में ईस्टर पर चर्च में हमला, 156 की मौत साल 2002 के 12 अक्टूबर को बाली के एक बीच (कूटा) पर सुसाइड अटैक हुआ था। यह इंडोनेशिया के इतिहास में अबतक का सबसे भयानक आतंकी हमला है, इसमें 202 लोगों की मौत हुई थी वहीं 250 से ज्यादा घायल हो गए थे। जेमाह इस्लामिया नाम के एक चरमपंथी ग्रुप को इसका जिम्मेदार बताया गया था। संगठन से संबंधित तीन लोगों को मौत की सजा भी हुई थी।11 जुलाई 2006 के उस दिन को मुंबई के साथ-साथ देश भी कभी नहीं भुला सकता। इस दिन माटुंगा, माहिम, बांद्रा, खार सबवे, जोगेश्वरी, बोरीवली, मीरा रोड पर कुल 7 धमाके हुए थे। इसमें 187 लोगों की मौत हुई थी और 700 के करीब जख्मी हो गए थे। इस हमले में 12 लोगों को दोषी करार दिया गया था।देश के इतिहास में 26/11 मुंबई हमला सबसे भयावह आतंकी हमला था जिसने सभी की रूह को कंपा दिया था। लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकियों ने इस नापाक हरकत को अंजाम दिया था। वे लोग समुद्र के रास्ते भारत में दाखिल हुए। यहां आकर वे सभी अलग-अलग गुट में बंट गए थे और अपने-अपने सेट टारगेट पर हमला किया। इन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल आदि को निशाने पर लिया था। आतंकियों को मारने के लिए 4 दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया था।17 दिसंबर 2014 को पाकिस्तान के पेशावर में यह हमला हुआ था। आर्मी स्कूल में हुए इस हमले में कुल 141 लोग मारे गए थे जिनमें से 132 स्कूली बच्चे थे। बाकि 9 लोग स्टाफ के बताए गए। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। मौके पर पाक सेना ने 6 आतंकियों को मार गिराया था।
Source: Navbharat Times April 21, 2019 07:45 UTC