Ayodhya case hearing: अयोध्या केस: 33वें दिन की सुनवाई खत्म, मुस्लिम पक्ष ने रखी दलीलें - ayodhya case 33st day hearing 27 september 2019 updates - News Summed Up

Ayodhya case hearing: अयोध्या केस: 33वें दिन की सुनवाई खत्म, मुस्लिम पक्ष ने रखी दलीलें - ayodhya case 33st day hearing 27 september 2019 updates


हाइलाइट्स अयोध्या की सुप्रीम कोर्ट में आज 33वें दिन की सुनवाई, मुस्लिम पक्ष ने फिर एएसआई रिपोर्ट का जिक्र कियाइससे पहले एएसआई रिपोर्ट पर सवाल खड़े करने के बाद माफी मांगी गई थीगुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 18 अक्टूबर सुनवाई की आखिरी डेट हैअयोध्या जमीन विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। सुनवाई के 33वें दिन मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर धीमी सुनवाई को लेकर नाराजगी जताई। दरअसल, मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने अन्य वकील शेखर नाफड़े का भी वक्त ले लिया था। शुक्रवार की सुनवाई में फिर से एएसआई की रिपोर्ट का भी जिक्र हुआ।सुनवाई की शुरुआत में मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी ने एएसआई की रिपोर्ट का फिर जिक्र किया। उन्होंने रिपोर्ट को महज विचार बताया जिसके आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। अपनी दलील में मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि ASI की रिपोर्ट ऑपिनियन और अनुमान पर आधारित है। पुरातत्व विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की तरह विज्ञान नहीं है। प्रत्येक पुरातत्व विज्ञानी अपने अनुमान और ऑपिनियन के आधार पर नतीजा निकलता है।इसके बाद शेखर नाफड़े की दलीलें थीं। चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि कितना वक्त लगेगा? नाफड़े ने कहा कि पूरी जिरह में वह दो घंटे लगें। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले से तय शेड्यूल में बदलाव नही होगा। फिर नाफड़े ने कहा कि वह 45 मिनट में अपनी जिरह पूरी कर लेंगे।सुनवाई पर नाराजगी जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सुनवाई तय शेड्यूल के हिसाब से नहीं चल रही है। दरअसल आज शेखर नाफड़े को अपनी दलील पूरी कर लेनी थी। लेकिन मीनाक्षी अरोड़ा ने आज उनके हिस्से का भी समय ले लिया। अरोड़ा की दलील कल पूरी होनी थी।इससे पहले सुनवाई के 32वें दिन भी ASI रिपोर्ट का जिक्र आया था। इसपर मुस्लिम पक्ष ने पहले सवाल खड़े किए और फिर उसके लिए माफी भी मांग ली। बुधवार को मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि एएसआई के हर चैप्टर पर लेखक का जिक्र है, लेकिन उसके सारांश में किसी लेखक का जिक्र नहीं है। इसके बाद गुरुवार को मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने को लेकर माफी मांगी। धवन ने कहा कि वह एएसआई रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर कोई सवाल नहीं करना चाहते।गुरुवार की सुनवाई के दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की आखिरी तारीख (18 अक्टूबर) याद दिलाई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि दोनों पक्षकार अपनी दलील की समय सीमा तय करें ताकि सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जा सके। इसके बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। यह कम चमत्कारिक नहीं होगा कि इसके बाद चार हफ्ते में में जजमेंट दिया जाए। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और उससे पहले फैसला आना है।


Source: Navbharat Times September 27, 2019 06:08 UTC



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