घर के बेड पर आराम से बैठा बाघहाइलाइट्स असम में बाढ़ का कहर जारी, अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 57 लाख लोग प्रभावितइस बीच प्रदेश के काजीरंगा स्थित हरमति इलाके के एक घर में उस समय हड़कंप मच गयावहा घरवालों ने घर के बेड पर एक बाघ को आराम फरमाते हुए पाया, तुरंत वन विभाग को दी सूचनावन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचेअसम में बाढ़ का कहर जारी है और राज्य में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 57 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच प्रदेश के काजीरंगा स्थित हरमति इलाके के एक घर में उस समय हड़कंप मच गया, जब घरवालों ने घर के बेड पर एक बाघ को आराम फरमाते हुए पाया। सुबह सात बजे बाघ को घर के बेड पर देखकर घरवालों के होश उड़ गए। सभी घर छोड़कर दूर जाकर खड़े हो गए। आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी गई। हालांकि बाघ पर नजर रखी जा रही है, लेकिन उसे अभी तक निकाला नहीं गया है।काजीरंगा के हरमति इलाके में रफीकुल का घर है। सुबह वह अपने घर के एक कमरे में पहुंचे तो दंग रह गए। उन्होंने देखा कि बेड पर एक बाघ आराम कर रहा है। उन्हें समझ नहीं आया। वह डरकर बाहर भागे और घर के अन्य सदस्यों को सूचना दी। उन लोगों ने घर के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए। देखते ही देखते यह सूचना इलाके में फैल गई और दर्जनों लोग बाघ के आराम फरमाते हुए देखने के लिए पहुंच गए। वन विभाग की टीम भी पहुंची। टीम बाघ पर निगरानी रख रही है।आपको बता दें कि बाढ़ की चपेट में आए असम में काजीरंगा नैशनल पार्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आलम यह है कि नैशनल पार्क का 90 फीसदी हिस्सा पानी में पूरी तरह डूब गया है। ऐसे में नैशनल पार्क के जानवरों को खाने पीने की किल्लत और रहने के समस्या हो रही है। जानवर बाहरी और सुरक्षित इलाकों की तरफ जा रहे हैं। कई स्थानीय लोग भी राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को पार करके कार्बी आंगलोंग के दक्षिणी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि नैशनल पार्क में पानी भर जाने से बाघ को खाना नहीं मिला होगा और वह खाने की तलाश में घर में गया होगा। यहां पर उसे सूखा बिस्तर मिला तो वह वहां आराम करने लगा होगा। उन्होंने बताया कि बाघ को रेस्क्यू कराते समय यह पता चला कि वह भूखा था।ब्रह्मपुत्र नदी के पास मैदान में फैले इस नैशनल पार्क में दुनिया के सर्वाधिक गैंडे पाए जाते हैं। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण अभयारण्य के जानवर बुरी तरह से पीड़ित हैं। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल हम बाघ को परेशान नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। उसके लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
Source: Navbharat Times July 18, 2019 08:23 UTC