नई दिल्ली, एएनआई। असम में बाढ़ के कहर ने लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। बाढ़ में मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है। इसके चलते काजीरंगा नेशनल पार्क के जानवर भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से बचकर कई जानवर इधर उधर भागे। यहीं से भागा एक बंगाल टाइगर नेशनल हाइवे पर मौजूद एक घर में जा घुसा और बेड पर आराम करने लगा।बाघ को शांत करने की योजना में जुटी टीमवाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने ट्विटर पर लोगों को एक बंगाल टाइगर के भाग निकलने की जानकारी दी और उसकी तस्वीर भी शेयर की। घर के पलंग पर आराम कर रहे शेर की फोटो के साथ कैप्शन में लिखा था- 'पशु चिकित्सक डॉ. समशुल अली असम वन विभाग के साथ बाघ को शांत करने के लिए एक योजना बनाने में व्यस्त हैं। दरअसल बाघ ने एक घर में प्रवेश किया है और वह एक बिस्तर पर आराम कर रहा है।' ट्रस्ट ने इस बाघ से जुड़े कई ट्वीट किए।काजीरंगा नेशनल पार्क का 90 फीसद हिस्सा पानी में डूबादरअसल असम में ब्रह्मपुत्र समेत राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क का 90 फीसद हिस्सा पानी में डूब गया है। इससे शिकार रोकने के लिए बनाई गई 199 में से 155 चौकियां प्रभावित हुई हैं, जिसके चलते पार्क प्रशासन को रात-दिन चौकसी बरतनी पड़ रही है।काजीरंगा नेशनल पार्क की मंडल वन अधिकारी रोहिनी बल्लभ सैकिया ने कहा कि वन रक्षकों के अलावा राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम को भी पार्क की सुरक्षा में लगाया गया है। वन रक्षक जान जोखिम में डालकर नाव और मोटरबोट से सुरक्षा पर नजर रख रहे हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क दुनिया भर में गैंडे की सबसे ज्यादा आबादी के लिए जाना जाता है। बाघ, हाथी, बंदर और कस्तूरी मृग भी यहां पाए जाते हैं।असम में 58 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ में फंसेनदियों के जलस्तर में जारी उफान के बीच असम के 58 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। उनके सामने खाना-पानी का भी संकट पैदा हो गया है। बाढ़ के कारण 29 जिले प्रभावित हैं और 30 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक गैंडे की भी मौत की सूचना है। डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं और 472 राहत शिविरों तथा 392 राहत वितरण केंद्रों में शरण लेने को मजबूर हैं।धुबरी जिला कारागार में पानी घुसने के बाद वहां के सभी 409 कैदियों को महिला महाविद्यालय में रखा गया है। बड़ी संख्या में लोग ग्वालपाड़ा व जोगीघोपा स्थित रेलवे तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। इसके कारण रेलवे ने इस मार्ग पर ट्रेनों की गति निर्धारित कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि 58 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ में फंस गए हैं।केंद्र सरकार की अोर से 251.55 करोड़ रुपये जारीकेंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री सोनोवाल के साथ बैठकर बाढ़ के हालात की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि हालात से निपटने के लिए केंद्र ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष को 251.55 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात कर बाढ़ के हालात का जायजा लिया। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है। राज्य में बाढ़ से सभी 33 जिलों में हालात खराब हो गए हैं। अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।Posted By: Sanjeev Tiwari
Source: Dainik Jagran July 18, 2019 10:59 UTC