नहीं मिल रहे थे ऑर्डर, इसलिए नहीं बढ़ाई क्षमता पूनावाला ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने वैक्सीन के प्रोडक्शन की क्षमता को और अधिक इसलिए नहीं बढ़ाया था, क्योंकि उन्हें ऑर्डर कम मिल रहे थे। उन्होंने चेताते हुए कहा कि जुलाई तक वैक्सीन की कमी रहेगी। उन्होंने कहा कि उनके पास ऑर्डर नहीं आ रहे थे और उन्होंने ये सोचा भी नहीं था कि उन्हें साल भर में 1 अरब से भी अधिक डोज बनानी होंगी। अब न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया वैक्सीन की किल्लत झेल रही है।केस घटने लगे, तो सरकार ने हल्के में लिया कोरोना को फाइनेंशियल टाइम्स ने पूनावाला को कोट करते हुए कहा है कि पूनावाला कहते हैं जब जनवरी में कोरोना के मामले घटने लगे तो सरकार ने इसे बहुत ही हल्के में लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि हर किसी को लग रहा था कि भारत ने कोरोना को हराना शुरू कर दिया है। पिछले ही महीने सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 3000 करोड़ रुपये एडवांस दिए, ताकि वैक्सीन की डोज बनाने की क्षमता को बढ़ाया जा सके।कितने रुपये की है कोविशील्ड वैक्सीन? सीरम इंस्टीट्यूट के अडार पूनावाला के अनुसार कोविशील्ड के लिए आपको 700 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं। यह वैक्सीन राज्य सरकारों को 300 रुपये (पहले 400 रुपये थी कीमत) और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगी। यानी वैक्सीन की कीमत और लगवाने के चार्ज समेत आपको निजी अस्पतालों में 700 रुपये के करीब चुकाने पड़ सकते हैं। यह कीमतें 1 मई से लागू हो गई हैं। इससे पहले तक केंद्र सरकार को सिर्फ 150 रुपये प्रति खुराक की दर से कोविशील्ड वैक्सीन दी जा रही थी।
Source: Navbharat Times May 03, 2021 05:55 UTC