Srinagar: Visuals from outside Separatist Abdul Ghani Bhat's office&residence after J&K admin withdraws security, B… https://t.co/pAsx0wiDFz — ANI (@ANI) 1550388602000पुलवामा आतंकी हमला: अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ली गईXजम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 6 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लिए जाने पर अब हुर्रियत कांफ्रेंस की प्रतिक्रिया आई है। एक बयान में हुर्रियत की ओर से कहा गया कि उन्होंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेस ने कहा, ‘सरकार ने खुद ही अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया था, जिसकी कभी मांग नहीं की गई।’आपको बता दें कि मीरवाइज उमर फारूक, उन पांच अलगाववादी नेताओं में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है। बयान में आगे कहा गया, ‘मीरवाइज उमर फारूक ने वास्तव में कई बार कहा कि वह चाहते हैं कि सुरक्षा वापस ले ली जाए।’ बयान के मुताबिक, ‘सुरक्षा वापस लेने के फैसले से न तो अलगाववादी नेताओं के रुख में बदलाव आएगा और न ही इससे जमीनी हालात पर कोई असर पड़ेगा।’मीरवाइज के अलावा प्रशासन ने रविवार को अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, शब्बीर शाह और फजल हक कुरैशी की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला रविवार शाम से लागू किया जाएगा। वहीं, अलगाववादी नेता अब्दुल गनी बट ने कहा है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।रविवार को बट ने कहा, 'मेरी सुरक्षा कश्मीरी हैं। भारत और पाकिस्तान में युद्ध के आसार हैं। मुझे प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।'जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा, किसी भी तरह से पांचों या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई कवर या सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे। अगर उन्हें सरकार के द्वारा कोई दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं तो वे भी तत्काल हटा ली जाएंगी। प्रदेश सरकार ने कहा कि पुलिस इस बात की समीक्षा करेगी कि अगर किसी अन्य अलगाववादी को कोई सुरक्षा या सुविधा मिली हुई है तो उसे तत्काल हटाया जाए।
Source: Navbharat Times February 17, 2019 08:05 UTC