1 लाख 42 हजार को दूसरे डोज का इंतजार: अकेले अलवर जिले में करीब 14 लाख लोगों को पहला डोज नहीं लग सका, वैक्सीन आने से पहले हो रही खत्म - News Summed Up

1 लाख 42 हजार को दूसरे डोज का इंतजार: अकेले अलवर जिले में करीब 14 लाख लोगों को पहला डोज नहीं लग सका, वैक्सीन आने से पहले हो रही खत्म


Hindi NewsLocalRajasthanAlwarIn Alwar District Alone, About 14 Lakh People Could Not Get The First Dose, Ending Before The Vaccine Arrived. 1 लाख 42 हजार को दूसरे डोज का इंतजार: अकेले अलवर जिले में करीब 14 लाख लोगों को पहला डोज नहीं लग सका, वैक्सीन आने से पहले हो रही खत्मअलवर 9 घंटे पहलेकॉपी लिंकअलवर वैक्सीन केंद्र। फाइल फोटो।अलवर जिले में 1 लाख 42 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज का इंतजार है। वैक्सीन आने से पहले ही खत्म हो जाती है। मतलब बहुत कम डोज आते हैं। जो जिले के 15 ब्लॉक के हिस्से में बांटने पर नाममात्र के डोज आते हैं। इस कारण उसी दिन डोज खत्म होने पर बुजुर्गों को भी निराश होकर लौटना पड़ता है।14 लाख को पहला डोज नहीं लगाइस समय जिले में वैक्सीन नहीं हैं। जिसके कारण डोज नहीं लग पा रहे। अकेले अलवर जिले में 1 लाख 42 हजार लोगों को दूसरा और करीब 14 लाख लोगों को पहले डोज का इंतजार है। असल में जिले में 26 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है। अब तक पहला डोज 12 लाख 68 हजार लोगों को लगा है। जबकि देानों डोज 3 लाख 43 हजार लोगों को लगे हैं। शेष लोग वैक्सीन आने के इंतजार में हैं।डोज आने पर सबको लगा रहेअब नए डोज आने पर 18 से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के आदेश हैं। जिनको पहला डोज लगे 84 दिन पूरे हो चुके हैं। वहां उम्र की बाध्यता खत्म है। लेकिन जब वैक्सीन के गिनेचुने डोज आते हें तो प्रशासन को व्यवस्था बनाने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करने बाध्यता लागू करनी पड़ जाती है। ताकि मौके पर ज्यादा भी नहीं हो।कोविशील्ड के 1 लाख डोजअलवर जिले में कोविशील्ड के 1 लाख डोज की जरूरत है। इतने लोग तो दूसरे डोज के इंतजार हैं। जिनको कोविशील्ड का पहला डोज लगवाए 84 दिन पूरे हो चुके हैं। इसी तहर कोवैक्सीन के 42 डोज की जरूरत है। इतने डोज एक बार में मिले तब दूसरे डोज वालों को वैक्सीन लग सकेगी। जबकि जिले में तीन से 4 दिन में मुश्किल से 10 से 15 हजार डोज ही आते हैं। जिसके कारण आमजन को वैक्सीन नहीं लग पा रही हैं। आगे तीसरी लहर का भी डर है। वहीं लोग गाइडलाइन का पालन भी पहले से कम करने लगे हैं। जो चिंता का विषय है।


Source: Dainik Bhaskar July 20, 2021 08:15 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...