इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को फिर से विनियमित (री-रेगुलेट) करने का अनुरोध किया है, जो घटते पेड सब्सक्राइबर्स की संख्या और डीडी फ्री डिश और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से मिल रही प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी निकलकर सामने आयी है।डिज्नी स्टार, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, जी एंटरटेनमेंट और वॉयकॉम18 सहित शीर्ष ब्रॉडकास्टर्स ने मौद्रिक प्रतिबंधों को समाप्त करने पर जोर दिया है, जिसमें ब्रॉडकास्टर्स और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स दोनों के लिए प्राइज कैप्स, सीलिंग्स, डिस्काउंट कैप्स और बुके पर लिमिटेशंस शामिल हैं।ट्राई को सौंपे गए अपने आवेदन पत्र में IBDF ने कथित तौर पर आग्रह किया कि सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने टीवी चैनल्स और डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस करने के लिए कीमतें निर्धारित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें मार्केट की ताकतों के आधार पर अपने इंटरकनेक्शन के नियमों व शर्तों पर बातचीत करने में सक्षम होना चाहिए।बता दें कि 2017 में ट्राई द्वारा पेश किए नए टैरिफ ऑर्डर (NTO) के मुताबिक, ब्रॉडकास्टर्स को सभी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स पर समान कीमत पर चैनल पेश करना जरूरी है। इससे पहले, ब्रॉडकास्टर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स खुद ही कंटेंट डील पर बातचीत करते थे और कीमत निर्धारित करते थे।वहीं दूसरी तरफ, ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन, जिसमें हैथवे डिजिटल और डेन नेटवर्क्स जैसी केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां शामिल हैं, ने भी ट्राई से संपर्क किया है और उससे से NTO लागू होने की पहले की व्यवस्था में वापस जाने का आग्रह किया है, जब ब्रॉडकास्टर्स ने डिस्ट्रीब्यूटर्स प्लेटफॉर्म्स के दौरान टीवी चैनल्स की होलसेल रेट्स की घोषणा की थी, जबकि डिस्ट्रीब्यूश प्लेटफॉर्म्स ने खुदरा मूल्य निर्धारित किया था।
Source: NDTV October 30, 2023 16:15 UTC