भारतीय ज्योतिष की सर्वमान्य धर्मसम्मत सूक्ष्म (दृक्गणित) कालगणना के अनुसार विक्रम संवत् 2077 पौष कृष्ण प्रतिपदा बृहस्पतिवार की रात 12:01 बजे नया साल 2021 ई॰ देश दुनिया के लिए कैसा रहेगा? आपकी आर्थिक स्थिति, व्यापार, नौकरी, स्वास्थ्य और धर्म लाभ इन सबसे जुड़े विषयों पर ग्रह क्या कहते हैं? बता रहे हैं भविष्यवक्ता आचार्य कृष्णदत्त शर्मा…भारतीय ज्योतिष की सर्वमान्य धर्मसम्मत सूक्ष्म (दृक्गणित) कालगणना के अनुसार विक्रम संवत् 2077 पौष कृष्ण प्रतिपदा बृहस्पतिवार की रात 12:01 बजे पर मीन लग्न में नए साल 2021 का उदय होगा। वर्ष प्रवेश के समय पुष्य नक्षत्र कालीन चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा। कर्क राशि चंद्रमा की अपनी राशि है। रविवार 03-03-2021 को धनुः राशि में शुक्र और सोमवार दिनांक 04-01-2021 को मकर राशि में बुध आर्थिक जगत में स्थिरता और मजबूती के संकेत देता है। द्वादश भाव का स्वामी शनि एकादश भाव में स्वराशि पर विराजमान होना समग्र विश्व के लिए सुभिक्षकारक है, जो विश्व की अर्थव्यवस्था को चमत्कारिक रूप से मजबूत करेगा।जनवरी महीने के प्रमुख व्रत, इस खास त्योहार से हो रही है महीने की शुरुआतकश्मीर में होगा आतंक का अंतनवम प्रमुख त्रिकोण में केतू और दशम कर्म केन्द्र में षष्ठम भाव का स्वामी सूर्य होने के कारण कईं राष्ट्रों में आम जनता अपनी सरकारों के विरूद्ध जन आंदोलन करती दिखाई देगी। मध्य पूर्व एशिया, कोरिया, पाक, चीन, सीरिया, लीबिया आदि राष्ट्रों में युद्ध भय बढ़ता प्रतीत होगा। अप्रैल आते-आते भारत में कश्मीर आतंकवाद की कालरात्रि के भीषण अध्याय का अंत होगा। वर्ष लग्न का स्वामी देवगुरू बृहस्पति जो ज्ञान विज्ञान का भंडार है कर्मेश होता हुआ एकादश भाव में विराजमान होने से व्यापारिक क्षेत्र में आई विषमताएं समाप्त होंगी। विश्व में अभूतपूर्व आध्यात्मिक चेतना का संचार होगा, जिसके आलोक में समाज की मनोवृत्ति का रूपान्तरण होकर मानवीय इतिहास में नये युग का सूत्रपात होगा। न्यायाधीश, धर्माचार्य, द्विजाचार्य, साहित्यकार, पत्रकार और महिलाओं के सम्मान में वृद्धि होगी।मंगल करवाएगा यह सब कामभाग्येश द्वितीयेश मंगल द्वितीय भाव में अपने घर का होकर गतिशील होने के कारण आंतरिक पटल पर भी विचित्र घटनाएं घटित होंगी। मंगल महा क्रूर, साहसी, युद्ध प्रिय और सुव्यवस्था का ग्रह है। इसलिए वर्ष राजनीतिक दृष्टि से संघर्षपूर्ण रहेगा। प्रधान नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को सृदृढ़ रखना आवश्यक है। विशेषकर प्रधानमंत्री कार्यालय, सैन्य ठिकानों, आयुध-भण्डारों की सुरक्षा को खतरा दृष्टिगोचर होता है।साल 2021 को शुभ और लाभप्रद बनाने के लिए जपें यह मंत्र और करें उपायविश्व में बढ़ेगी भारत की प्रतिष्ठा लेकिन…वर्ष लग्न का स्वामी बृहस्पति यद्यपि 05 अप्रैल तक शनि की सन्निधि में ही रहेगा फलस्वरूप विश्व में तो भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी लेकिन राष्ट्र का समूचा आंतरिक राजनीतिक विमर्श दूषित रहेगा। एक के बाद एक बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश होगा। वर्ष के आरंभ से 15 फरवरी तक अचितार गति से बृहस्पति के चलने के कारण भारत में प्रकृति प्रकोष, भूकंप और अराजकता जैसा वातावरण बन सकता है। राष्ट्रद्रोही, स्वार्थी राजनेता राष्ट्रीय सुरक्षा, अस्मिता और राष्ट्रीय गौरव का सौदा करने में जरा भी शर्म महसूस नहीं करेंगे। अप्रैल मई 2021 में विपक्षी दलों के षड़यंत्रों और बाल अपराधों से प्रजा भयभीत और त्रस्त रहेगी।
Source: Navbharat Times January 01, 2021 10:41 UTC