आज के समय में शहरीकरण के चलते ज्यादातर इलाकों में आम के पेड़ बहुत ही कम दिखाई देते हैं. इससे 2023 में 'एक लक्ष्य आम वृक्ष' के एक संकल्प का जन्म हुआ, जिसके तहत 1 लाख आम के पेड़ लगाए जाएंगे, ताकि किसानों को अधिक आम के पेड़ उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. हमने किसानों को केसर की किस्में देने के लिए उन्हें ग्राफ्ट भी किया और सोसायटियों को सामाजिक वानिकी के लिए अन्य किस्में दी. गोमारे कहते हैं, "मेरे खेत में आम के पेड़ हैं और मैं देखता हूं कि इसके रख-रखाव की कम जरूरत होती है, मैं अच्छा मुनाफा कमाता हूं और मेरे परिवार को प्राकृतिक आम भी खाने को मिलते हैं. आम की मांग तो बहुत है, लेकिन आम के मामले में उपभोक्ताओं में अविश्वास की भावना भी पैदा हो गई है.
Source: Dainik Jagran June 04, 2024 12:07 UTC